अफजाल का बड़ा दावा, जहर से हुई मुख्तार की मौत
मुख्तार अंसारी की मौत को साजिश करार देते हुए उनके भाई और सांसद अफजाल अंसारी ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं। अफजाल अंसारी ने कहा कि मुख़्तार की मौत स्वाभाविक नहीं बल्कि एक साज़िश है।
अफजाल ने कहा कि जो लोग समझ रहे हैं मुख़्तार की कहानी खत्म हो गई वे गलतफ़हमी में है। मुख्तार के शव को जलाया नहीं दफ़नाया गया है। उसका एक नाखून भी सलामत रहा तो साबित कर देगा कि उसे ज़हर दिया गया था। अफजाल अंसारी शनिवार को मुख्तार अंसारी के शव को सुपुर्द-ए-खाक किए जाने के बाद मीडिया से बात कर रहे थे। मुख्तार की पत्नी आफ्शा अंसारी कहां हैं? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि आफ्शा ने आत्मसमर्पण करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि वह भी चाहते हैं कि मुख़्तार की पत्नी सरेंडर कर दें,। उन्होंने कोई हत्या नहीं की है। उनका बेटा जेल में हैं। जबकि बहू वर्ष भर जेल में रही। अफजाल अंसारी ने कहा कि मुख्तार की मौत नहीं हुई है, यह एक वेल प्लांड मर्डर है।
उन्होंने कहा कि जिस तरह के घटनाक्रम में मुख्तार को खत्म किया गया है। समय आएगा तो इसका पुख्ता सबूत दिया जाएगा। हमारे पास जहर देने के प्रमाण हैं। अफजाल अंसारी ने आरोप लगाया कि एक अपराधी को बचाने के लिए सरकार ने साजिश की। पूरी मशीनरी ने इसके लिए काम किया। मुख्तार को 26 मार्च को बीमार होने पर बांदा जेल से मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। बांदा जेल प्रशासन से मुख्तार की हालत गंभीर होने का मैसेज मिलने पर उनसे मिलने बांदा मेडिकल कॉलेज गया। वहां पर बड़ी मुश्किल के बाद पांच मिनट मुलाकात करने दिया गया।
इस दौरान मुख्तार ने पहली बात कही कि उन्हें जहर खिला दिया गया है। इसी कारण बार-बार बेहोश हो जा रहा हूं। अंदर बहुत बेचैनी है और गैस भी काफी बन रही है। शरीर की शक्ति खत्म हो गई है और दर्द बहुत है। अफजाल ने कहा, जेल में बेहोश होने पर मुख्तार को अस्पताल लाया गया जहां इलाज होने के बाद होश में आया। आरोप लगाया कि मुख्तार को मारने के लिए कई बार साजिशें रची गई हैं। क्योंकि वर्ष 2001 में उसरी चट्टीकांड में मुख्तार अंसारी पर हुए हमले में बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह के खिलाफ कोर्ट में मामला चल रहा है। मामले में इन लोगों को सजा न हो इसके लिए मुख्तार को गवाही देने से रोकने के लिए साजिश रची गई।
डीएम और सांसद के बीच तकरार
डीएम आर्यका आखौरी ने मुख्तार अंसारी के जनाजे के बाद शव दफनाने को लेकर सांसद अफजाल अंसारी को चेताया। कहा कि जिले में धारा 144 लागू है। आप इतने लोगों को इकठ्ठा नहीं कर सकते। आप ने इस कार्यक्रम के लिए कोई अनुमति नहीं लिया है। यह सुनते सांसद अफजाल अंसारी आक्रोशित हो गए।
अफजाल अंसारी ने कहा कि आपकी कृपा पर नहीं है कि आप तय करें कि ये लोग ही मिट्टी देंगे। सांसद ने कहा आप कुछ भी हों, मिट्टी देने के लिए अपने धार्मिक प्रायोजन के लिए किसी परमिशन की जरूरत नहीं। यह भी कहा कि डीएम को बताना चाहिए कि धारा 144 में अंतिम संस्कार के लिए भी परमिशन लेनी पड़ती है क्या। इस पूरे मामले को लेकर डीएम और सांसद के बीच खूब नोकझोंक हुई। हालांकि मामला किसी तरह से शांत हो गया।
बिगड़ती स्थिति को भांप एसपी ने संभाला
कब्रिस्तान पर बढ़ती भीड़ को देखते हुए डीएम की सांसद अफजाल अंसारी से हुई तकरार के दौरान कुछ पल के लिए स्थिति बिगड़ गई थी। मौके पर ही एसपी ओमवीर सिंह मामले को भांप गए। उन्होंने किसी तरह से स्थिति को संभाला। उन्होंने सांसद अफजाल अंसारी से अपने लोगों को शांति बनाए रखने की अपील की। तब जाकर अफजाल अंसारी ने कालीबाग कब्रिस्तान पर खुद मोर्चा संभाला। उन्होंने लोगों से शांति की अपील की।
‘नारे लगाने वालों पर होगी कार्रवाई’
डीएम आर्यका अखौरी ने कहा कि इलाके में धारा 144 लागू की गई थी, बावजूद मुख्तार के समर्थक जुटे और धारा 144 के नियम का उल्लंघन किया। वीडियोग्राफी कराई गई है। जिन्होंने माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की उन्हें चिन्हित कर आचार संहिता उल्लंघन में कार्रवाई की जाएगी। वहीं एसपी ओमवीर सिंह ने भी कहा कि लोगों से अपील की गई सहयोग करें लेकिन लोग नहीं माने।
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