मुझे चुनाव जीतने को बैनर-पोस्टर की जरूरत नहीं
नितिन गडकरी ने अपनी जीत कि भविष्यवाणी करते हुए कहा कि एनडीए इस बार 400 का आंकड़ा पार करेगा और पीएम मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे.
वहीं, नितिन गडकरी ने कहा कि उन्हें चुनाव जीतने के लिए पोस्टर-बैनर से प्रचार करने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि उनका काम बोलता है. उनके काम की वजह से लोग उन्हें जानते हैं. इसलिए वह मैन टू मैन कैंपेनिंग करेंगे.
‘राइजिंग भारत’ कार्यक्रम में मंगलवार को नितिन गडकरी ने कहा, ‘मैं जातिवाद और सांप्रदायिकता को नहीं मानता. हमारे प्रधानमंत्री ने कहा है कि सबका साथ, सबका विकास और सबका प्रयास. मैं अपने क्षेत्र में जितने लोग हैं, सबको परिवार समझता हूं. 10 सालों में मैंने जो काम किया है, उससे लोगों ने मेरा नाम भी जाना है और काम भी. इसलिए मुझे पोस्टर और बैनर से प्रचार करने की जररूत नहीं. क्योंकि मैं लोगों से जुड़ा हूं, मुझे लोगों को वोट के बदले कुछ सेवा देने की जरूरत नहीं. मैं लोगों से मिलूंगा, लोगों के घर जाऊंगा और उनसे आशीर्वाद लूंगा. मैं हाउस टू हाउस और मैन टू मैन कैंपेन करूंगा. मेरा विश्वास है कि मैं अच्छे मार्जिन से चुनाव जीतूंगा.’
नागपुर से तीसरी बार चुनाव जीतने के सवाल पर नितिन गडकरी ने कहा, ‘मोदी जी प्रधानमंत्री बनने ही वाले हैं, यह तय है. दूसरी बात यह है कि हम 400 पार जाने वाले हैं, यह तय है और मैं भी चुनाव जीतने वाला हूं यह निश्चित है.’ सोनिया गांधी की ओर से तारीफ वाले सवाल पर नितिन गडकरी ने कहा, ‘मुझे भी आश्चर्य है. क्योंकि संसद में सबने मुझे धन्यवाद दिया. कानूनी काम और नियम के अनुसार सबका होना चाहिए और गलत काम किसी का नहीं होना चाहिए. जो भी लोग समस्या लेकर मेरे पास आते हैं, मैंने सबका काम किया है.’ अपने व्यक्तित्व से जुड़े सवाल पर नितिन गडकरी ने राइजिंग भारत मंच पर कहा कि आप एनालिसस कर सकते हैं कि मैं कैसा हूं. जो सवाल पूछते हैं, मैं नम्रतापूर्वक जवाब देता हूं. जो सच है, उसे बताता हूं. मुझे नहीं लगता है कि इसमें कोई समस्या है.
क्या आप प्रधानमंत्री और अमित शाह के सामने भी बेबाक रहते हैं? वाले सवाल पर नितिन गडकरी ने कहा, ‘जब बातचीत होती है तो नम्रतापूर्वक अपनी बात प्रधानमंत्री सबसे सुनते हैं. सभी आराम से अपनी बात रखते हैं. कोई अड़चन नहीं होती. मैं भी पार्टी का अध्यक्ष रहा हूं, मेरे पास भी सबलोग अपनी बात रखते थे. हमारी पार्टी की एक पद्धति है. सभी इसमें विचार रखते हैं और अंतिम निर्णय जो होता है, सब मिलकर या जो प्रधानमंत्री या अध्यक्ष कहते हैं, वह निर्णय होता है, उसमें पार्टी आगे जाती है.’
उद्धव ठाकरे के बयान पर नितिन गडकरी ने कहा, ‘देखिए पहली बात यह है कि संसदीय दल की जब बैठक हुई तो मध्य प्रदेश, गुजरात और उत्तर प्रदेश के पदाधिकारियों के साथ चर्चा होकर निर्णय हुआ. मैं महाराष्ट्र से लड़ता हूं तो महाराष्ट्र के पदाधिकारी से अभी चर्चा ही नहीं हुई थी तो पहली लिस्ट में मेरा नाम आने की संभावना ही नहीं थी. मैं भाजपा का कार्यकर्ता हूं. लड़ूंगा तो भाजपा से ही लड़ूंगा, दूसरी किसी पार्टी में जाने का सवाल ही नहीं उठता. इस प्रकार के ऑफर भी हास्यास्पद हैं और मैं अपनी पार्टी और उसकी विचारधारा के साथ जुड़ा हूं. इसी पार्टी में रहूंगा और इसी पार्टी में काम करूंगा.’
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