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गाजियाबाद के ATM से 75,000 रुपये निकाले, PNB को देना पड़ा 99,000 रुपये का हर्जाना


बैंकिंग धोखाधड़ी की घटनाएं अक्सर सामने आती रहती हैं, और ऐसा ही एक मामला हरिद्वार निवासी के साथ हुआ। गाजियाबाद में उसके ATM कार्ड से 75,000 रुपये की निकासी हो गई। जब उसने यह जानकारी तुरंत पंजाब नेशनल बैंक (PNB) को दी, तो बैंक ने इसे गलत तरीके से उसके द्वारा किए गए सामान्य लेन-देन के रूप में लिया और धोखाधड़ी मानने से इंकार कर दिया। इसके बाद पीड़ित ने मामला उपभोक्ता आयोग तक पहुंचाया और बैंक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की।
शिकायतकर्ता ने जब देखा कि उसके अकाउंट से बिना उसकी अनुमति के पैसे निकाले गए, तो उसने तुरंत बैंक को इसकी सूचना दी। लेकिन बैंक ने इसके बावजूद इसे धोखाधड़ी के बजाय सामान्य निकासी मान लिया। बैंक के कर्मचारियों के रवैये और जांच में नतीजा न निकलने पर शिकायतकर्ता ने बैंकिंग लोकपाल में शिकायत की, फिर यह मामला जिला उपभोक्ता फोरम और अंततः उत्तराखंड उपभोक्ता आयोग तक पहुंचा।
जांच में क्या सामने आया:
उत्तराखंड उपभोक्ता आयोग के 22 अक्टूबर 2024 के आदेश के अनुसार, बैंक की जांच में पाया गया कि हरिद्वार निवासी शिकायतकर्ता के खाता में 77,214 रुपये थे, जिनमें से 75,000 रुपये गाजियाबाद के एक ATM से निकाले गए थे। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि पीएनबी ने इन लेन-देन की जानकारी के लिए कोई एसएमएस अलर्ट नहीं भेजा। बैंक की जांच में यह पाया गया कि कार्ड क्लोनिंग नहीं हुई थी, लेकिन बाद में राज्य पुलिस की जांच में यह पुष्टि हुई कि लेन-देन धोखाधड़ी के कारण हुए थे।
पीएनबी को मुआवजा:
उत्तराखंड उपभोक्ता आयोग ने बैंक को दोषी ठहराते हुए आदेश दिया कि पीएनबी शिकायतकर्ता को 75,000 रुपये का मुआवजा 6% ब्याज के साथ दे, साथ ही 5,000 रुपये मुकदमे की लागत भी चुकाए। इस प्रकार, पीएनबी को कुल 99,000 रुपये का भुगतान करना होगा।

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