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महाराष्ट्र बनेगा ग्लोबल टेक्सटाइल हब


भारत दुनिया के सबसे बड़े टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज (कपड़ा उद्योगों) में से एक है। भारत दुनिया के कपड़ा और ड्रेस बाजार में 4% हिस्सेदारी रखता है। यह उद्योग देश के कुल GDP में 2% का योगदान देता है और 45 मिलियन से ज्यादा लोगों को सीधे तौर पर रोजगार देता है।

यह इंडस्ट्री देश में रोजगार देने वाली दूसरी सबसे बड़ी इंडस्ट्री है। टेक्सटाइल उद्योग यानी कपडा उद्योग 2030 तक कपड़ा उत्पादन में 250 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। कपड़ा उद्योग को पिछले 5 सालों में पर्याप्त प्रोत्साहन मिला है। केंद्र सरकार की कई रणनीतियों ने दुनिया के कपड़ा उत्पादकों के बीच भारत की भूमिका को मजबूत करने पर जोर दिया है। ये रणनीति फार्म से फाइबर से फैक्ट्री से फॉरेन(विदेश) के 5F दृष्टिकोण पर आधारित है। कपड़ा उद्योग के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम, कस्तूरी कॉटन भारत कार्यक्रम, राष्ट्रीय तकनीकी कपड़ा मिशन (NTTM), SAMARTH और PM मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल (PM MITRA) पार्क योजना जैसी पहलों के जरिये कपड़ा उद्योग में काफी ज्यादा बदलाव आया है। 2030 तक निर्यात में 100 अरब अमेरिकी डॉलर हासिल करने के भारत के महत्वाकांक्षी प्रयासों से प्रेरित होकर महाराष्ट्र देश के कपड़ा उद्योग को आगे बढ़ाने में एक प्रबल दावेदार के रूप में उभरा है।


देश की कपड़ा इंडस्ट्री में महाराष्ट्र का योगदान सबसे ज्यादा

महाराष्ट्र के टेक्सटाइल मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि राष्ट्रीय कपड़ा उद्योग में हमारा योगदान सबसे ज्यादा है। कुल कपड़ा और ड्रेस उत्पादन का 10.4% और भारत में कुल रोजगार का 10% से ज्यादा रोजगार महाराष्ट्र से आता है। इसके अलावा महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (MIDC) ने 11 एक्सक्लूसिव टेक्सटाइल पार्क स्थापित करके राज्य के कपड़ा उद्योग के विकास में तेजी ला दी है। ये पार्क रणनीतिक रूप से अमरावती, ठाणे, सोलापुर, कोल्हापुर, नागपुर, नासिक, पुणे और नंदुरबार जैसे क्षेत्रों में स्थित हैं। यह आंकड़ा 2020 तक का है।

महाराष्ट्र में देश का सबसे तेजी से बढ़ता हुआ कपड़ा उद्योग

1854 में बॉम्बे स्पिनिंग एंड वीविंग की स्थापना के साथ आधुनिक कपास उद्योग के भारत में विस्तार की कवायद में महाराष्ट्र ने आने वाले दशकों के लिए देश के कपड़ा उद्योग में अपनी जगह बनाई। 1870 के दशक में 60% कपास मिलें महाराष्ट्र की हुआ करती थी। महाराष्ट्र अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण इस उद्योग में रहा है अग्रणी कपास के लिए विशाल उपजाऊ मिट्टी (39.41 लाख हेक्टेयर के साथ राष्ट्रीय कपास रकबा में अग्रणी) और व्यापक समुद्र तट तक पहुंच (राज्य में कुल 50 बंदरगाह हैं) के साथ हम एक अग्रणी टेक्सटाइल सेंटर (कपड़ा केंद्र) के रूप में राज्य की हिस्सेदारी बढ़ाने के अपने प्रयासों को आगे बढ़ा रहे हैं। हम मुंबई में एक टेक्सटाइल बिजनेस सेंटर (कपड़ा व्यापार केंद्र) स्थापित करने की तैयारी कर रहे हैं, जिससे हमें चीन के गुआंगझो और तुर्की के इस्तांबुल के साथ प्रतिस्पर्धा में बढ़त मिलेगी।

300000 लोगों मिलेगा रोजगार

हम कई मैटेरियल से संबंधित खूबियों को अपने कपड़ों में बनाए रखते हैं इसलिए टेक्सटाइल हब के रूप में हमारी स्थिति मजबूत बनी हुई है। ग्लोबल टेक्सटाइल हब के रूप में महाराष्ट्र की उन्नति को सुविधाजनक बनाने के लिए हमारी बुनियादी ढांचागत क्षमताओं को मजबूत करने में नीतियों और हस्तक्षेपों पर एक मजबूत फोकस भी रहा है। हाल के दिनों में कपड़ा उद्योग में क्रांति लाने में महाराष्ट्र राज्य के शानदार प्रयासों ने राष्ट्रीय मोर्चे पर पहचान दिलाने का काम किया है क्योंकि हम PM MITRA पार्क योजना के 7 प्राप्तकर्ताओं में से एक बन गए हैं। PM MITRA पार्क अमरावती में स्थापित किया जाएगा, जिसमें 10,000 करोड़ रुपए आने का अनुमान है। इसके अलावा इससे करीब 300,000 लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।

कपड़ा उद्योग के विकास के लिए ये है प्लान

PM MITRA पार्क को महाराष्ट्र उद्योग विकास निगम (MIDC) द्वारा विकसित किया जाएगा और केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी। PM MITRA पार्क स्थापित करने का उद्देश्य राज्य सरकार के तहत संपूर्ण बुनियादी ढांचे की स्थापना करके निवेशकों के लिए व्यवसाय संचालन को आसान बनाना है। जिससे निवेशकों को अपने कामकाज को शुरू करने की सहूलियत मिल सके। खुद को (महाराष्ट्र) टेक्सटाइल हब के रूप में स्थापित करने के अपने दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए हमने 18 मिनी टेक्सटाइल पार्क विकसित करने की प्रतिबद्धता जताई है। मिनी पार्क विकसित करने का लक्ष्य निवेश के रूप में 1,800 करोड़ रुपये इकठ्ठा करना और 36,000 व्यक्तियों को रोजगार के अवसर प्रदान करना है। इसके अलावा अगले 5 सालों में 6 टेक्निकल टेक्सटाइल पार्कों का निर्माण, टिकाऊ इनोवेशन को लागू करने के लिए रिसर्च और डेवलपमेंट को बढ़ाना, व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देने के लिए इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी (आईटी) के उपयोग पर अतिरिक्त जोर देना और उद्योग में पर्याप्त स्किल्ड वर्कफोर्स के लिए स्किल डेवलपमेंट को बढ़ाना है। ये उद्देश्य राज्य के कपड़ा क्षेत्र को पूरी तरह से बदलने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। महाराष्ट्र राज्य ग्लोबल टेक्सटाइल हब बनने के सफर में जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है वैसे-वैसे बदलाव लाने वाली और समावेशी एकीकृत और टिकाऊ टेक्सटाइल नीतियां राज्य की क्षमता को बढ़ाने का काम करेंगी।

25000 करोड़ रुपए के निवेश को आकर्षित करना लक्ष्य

लीडिंग टेक्सटाइल हब के रूप में उभरने के लिए हाल ही में जारी इंटीग्रेटेड एंड सस्टेनेबल टेक्सटाइल पॉलिसी 2023-2028 निवेश को आकर्षित करने, आर्थिक विकास को मजबूत करने और राज्य के अन्दर महत्वपूर्ण या बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए मजबूत परिस्थितियों को बढ़ावा देने में हमारे कड़े प्रयासों को दर्शाती है, इससे हमें वैश्विक कपड़ा बाजार में एक प्रमुख संस्था के रूप में अपनी पहचान स्थापित करने में मदद मिलेगी। महाराष्ट्र राज्य में कपड़ा और परिधान उद्योग को बढ़ाने के लिए पॉलिसी का उद्देश्य टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन के जरिये अपनी टेक्सटाइल वैल्यू चेन को बढ़ावा देना है और 25,000 करोड़ रुपए के निवेश को आकर्षित करने का लक्ष्य रखना है, जिससे कपास का उत्पादन 80% तक बढ़ाया जा सके, जबकि 5 लाख से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा हो सके।

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