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इजरायल से पंगा लेने से पहले सोच ले ईरान, 6 द‍िन में 6 इस्लामी देशों को चटाई थी धूल


इजराइल और हमास के बीच पिछले छह महीने से अधिक समय से चल रही जंग अभी भी जारी है और इस बीच ईरान के साथ भी उसके संबंध तल्ख हो गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ईरान कभी भी इजराइल के खिलाफ हमले की शुरुआत कर सकता है।

इस रिपोर्ट में हम बात करेंगे 1967 में केवल 6 दिन चले उस युद्ध की जिसके बाद इजराइल ने गाजा पर कब्जा कर लिया था। इस युद्ध में इजराइल ने विरोधी इस्लामी देशों को जबरदस्त हार का स्वाद चखाया था।

1948 में हुए पहले अरब-इजराइली युद्ध के बाद इजराइल दुश्मनों से घिर गया था। 1967 की जंग से पहले इजराइल दो युद्धों का सामना कर चुका था। इसमें से पहली लड़ाई 1948 में और दूसरी सुएज संकट के दौरान हुई थी। अरब देशों और इजराइल के बीच दुश्मनी कम नहीं हुई थी। फिदायीन (अरब गोरिल्ला) की ओर से किए गए इजराइल पर हमले और आर्थिक बायकॉट ने स्थिति बेहद खराब कर दी थी। 6 दिन के युद्ध से 2 महीने पहले सीरिया और इजराइल के बीच हवाई जंग हुई थी।

स्थिति कमजोर थी, फिर भी इजराइल पड़ा भारी

सोवियत यूनियन ने कथित तौर पर इजिप्ट को गलत जानकारी दी थी कि इजराइल सीरिया पर पूरी तरह से कब्जा करने की तैयारी कर रहा है। इसके जवाब में इजिप्ट ने सिनाई प्रायद्वीप में अपने सैनिकों की तैनाती शुरू कर दी थी और युद्ध होना तय हो गया था। इस युद्ध में इजराइल के सामने सीरिया, जॉर्डन, इजिप्ट, ईराक, सउदी अरब और कुवैत थे। लेकिन बेहतरीन ऑपरेशन प्लानिंग ने इजराइल की जीत पर मुहर लगाने का काम किया था। आगे पढ़िए इस युद्ध का परिणाम कैसा रहा था।

5 जून 1967 को सुबह 7.45 बजे इजराइल ने ‘ऑपरेशन फोकस’ के तहत इजिप्ट की एयरफील्ड पर अचानक हमले किए। उस समय इजिप्ट की एयरफोर्स को क्षेत्र में सबसे मजबूत माना जाता था। वह अपनी लंबी रेंज वाले बॉम्बर्स और फाइटर जेट्स के साथ इजराइल के बड़े शहरों को निशाना बनाने में सक्षम था, जो इजराइल को बड़ा नुकसान पहुंचा सकता था। इस बात को अच्छी तरह से समझते हुए इजराइल ने इजिप्ट की हवाई ताकत को सबसे पहले तबाह करने का काम किया।

3 घंटे में तबाह कर दीं इजिप्ट की 19 एयरफील्ड

उल्लेखनीय है कि 3 घंटे के अंदर-अंदर इजराइल ने इजिप्ट की 19 एयरफील्ड को नष्ट कर दिया था और जमीन पर खड़े 315 व हवा में 4 एयरक्राफ्ट तबाह कर दिए थे। इसके साथ ही सीरिया और जॉर्डन ने हमले किए तो मल्टीफ्रंट वॉर की स्थिति से बचने के लिए इजराइल ने उनके खिलाफ आक्रामक एयर ऑपरेशन शुरू किया। इजराइल ने सिनाई प्रायद्वीप पर अपना प्रभुत्व स्थापित कर लिया। इजिप्ट की आर्मी के पास इजराइल के हमलों से बचने के लिए कोई एयर सपोर्ट नहीं बचा था।

इस बीच एक फर्जी रिपोर्ट यह आई जिसमें इजिप्ट की जीत का दावा किया गया था। जिसके बाद जॉर्डन ने इजराइल पर हमला किया। लेकिन इसके जवाब में इजराइल ने पूर्वी येरुशलम के साथ वेस्ट बैंक के इलाके पर कब्जा कर लिया। 9 और 10 जून के बीच इजराइल और सीरिया की सीमा पर स्थित गोलन हाइट्स पर भयंकर लड़ाई हुई थी। 11 जून को संयुक्त राष्ट्र की कोशिशों के बाद युद्ध विराम का ऐलान हुआ। लेकिन ऐसा होने तक इजराइल की स्थिति अच्छी-खासी मजबूत हो गई थी।

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