बाइडन ने ईरान की मदद को लेकर भारत की तीन कंपनियों पर लगाया प्रतिबंध, जानिए क्या है पूरा मामला
नई दिल्ली, 26 अप्रैल 2024: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने ईरान को ईंधन और अन्य सामानों की आपूर्ति करने में मदद करने का आरोप लगाते हुए भारत की तीन कंपनियों सहित एक दर्जन से अधिक कंपनियों और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इन कंपनियों पर आरोप है कि उन्होंने ईरानी सेना की ओर से अवैध व्यापार और मानवरहित यानों की आपूर्ति में मदद की है।
प्रतिबंधित भारतीय कंपनियां:
- सहारा थंडर को मुख्य अग्रणी कंपनी के रूप में पहचाना गया है, जो इन कोशिशों के समर्थन में ईरान की वाणिज्यिक गतिविधियों की देखरेख करती है।
- जहाजों को ईंधन और अन्य सामानों की आपूर्ति करने वाली तीन भारतीय कंपनियां – जेन शिपिंग, पोर्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और सी आर्ट शिप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड
अमेरिका का आरोप:
अमेरिकी वित्त विभाग का आरोप है कि इन कंपनियों ने ईरानी सेना की ओर से अवैध व्यापार और मानवरहित यानों की आपूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इन कंपनियों ने कथित तौर पर ईरानी ईंधन का परिवहन किया और ईरानी तेल टैंकरों की मरम्मत और रखरखाव में मदद की।
ईरान का जवाब:
ईरान ने इन प्रतिबंधों की निंदा करते हुए उन्हें “अन्यायपूर्ण और गैरकानूनी” करार दिया है। ईरान का कहना है कि ये प्रतिबंध अमेरिका की ओर से ईरान के खिलाफ “आर्थिक आतंकवाद” का हिस्सा हैं।
भारत की प्रतिक्रिया:
भारत सरकार ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
विश्लेषण:
यह घटना भारत और अमेरिका के बीच संबंधों पर तनाव पैदा कर सकती है। भारत ईरान के साथ ऊर्जा और व्यापार संबंधों को लेकर अमेरिकी दबाव का सामना कर रहा है। अमेरिका ईरान पर कई प्रतिबंध लगा चुका है और चाहता है कि अन्य देश भी इन प्रतिबंधों का पालन करें। भारत ईरान के साथ अपने संबंधों को बनाए रखना चाहता है, लेकिन अमेरिका को नाराज भी नहीं करना चाहता है।
यह घटना कुछ महत्वपूर्ण सवाल भी उठाती है:
- क्या भारत को ईरान के साथ अपने संबंधों को लेकर अधिक सावधानी बरतनी चाहिए?
- क्या अमेरिका को अन्य देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का अधिकार है?
- क्या वैश्विक स्तर पर ईरान को लेकर एक समान नीति होनी चाहिए?
यह हादसा आने वाले समय में भारत, अमेरिका और ईरान के बीच संबंधों को कैसे प्रभावित करेगा, यह देखना बाकी है।
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