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डबल मर्डर केस में धनंजय सिंह को कोर्ट से बड़ी राहत, बोले- “यह राजनीतिक साजिश थी”


धनंजय सिंह को 15 साल पुराने डबल मर्डर केस में कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। जौनपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट ने उन्हें और चार अन्य आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। एडीजे प्रथम एमपी सिंह की अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाया कि पूर्व सांसद धनंजय सिंह दोषी नहीं हैं।

बरी होने के बाद धनंजय सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह मामला राजनीतिक साजिश का हिस्सा था। उनके मुताबिक, इस केस के चलते उन्हें जिले में प्रवेश तक नहीं करने दिया गया था, धारा 144 लागू कर दी गई थी और पार्टी से भी बाहर कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि अब उन्हें न्याय मिला है और इसके लिए उन्होंने अदालत का आभार व्यक्त किया।

यह मामला 1 अप्रैल 2010 का है, जब जौनपुर के केराकत थाना क्षेत्र के बेलवा घाट पर ठेके को लेकर हुए विवाद में दो लोगों—संजय निषाद और नंदलाल निषाद—की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में तत्कालीन बसपा सांसद धनंजय सिंह सहित पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। शुरू में पुलिस ने क्लीन चिट दी थी, लेकिन बाद में CBCID ने जांच के बाद चार्जशीट दाखिल की।

धनंजय सिंह की राजनीतिक पृष्ठभूमि भी काफी दिलचस्प रही है। 2002 में उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर यूपी विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक बने। 2007 में जेडीयू के टिकट पर फिर से विधायक चुने गए और बाद में बसपा में शामिल होकर 2009 से 2014 तक सांसद भी रहे। 2024 में रंगदारी और अपहरण के एक मामले में उन्हें जेल भेजा गया था, हालांकि बाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई थी।

अब बेलवा डबल मर्डर केस में बरी होने के बाद उनके समर्थकों में खुशी की लहर है और खुद धनंजय सिंह इसे अपने खिलाफ रची गई साजिश से मिली जीत मान रहे हैं।

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