दिल्ली में बिना PUC अब नहीं मिलेगा पेट्रोल-डीजल, BS6 से पुराने वाहनों पर सख्ती
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सरकार ने वाहनों को लेकर बड़े और सख्त फैसले लिए हैं। अब राजधानी में बिना वैध PUC (प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र) के किसी भी वाहन को पेट्रोल या डीजल नहीं दिया जाएगा। इसके साथ ही BS6 मानक से कम यानी पुराने प्रदूषण मानकों वाले वाहनों पर भी रोक लगा दी गई है।
यह जानकारी दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने दी है। उन्होंने साफ कहा कि प्रदूषण पर काबू पाने के लिए अब नियमों में कोई ढील नहीं दी जाएगी।
अब क्या होगा नियमों के तहत?
पर्यावरण मंत्री के अनुसार, नए निर्देशों में यह तय किया गया है कि:
- केवल उन्हीं वाहनों को ईंधन मिलेगा, जिनके पास मान्य PUC प्रमाण पत्र होगा
- दिल्ली के बाहर से आने वाले BS6 से कम वाहनों को राजधानी में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी
- ऐसे वाहनों को जब्त भी किया जा सकता है
निर्माण सामग्री पर भी पूरी रोक
सरकार ने प्रदूषण फैलाने वाली निर्माण गतिविधियों पर भी सख्ती बढ़ा दी है। बदरपुर, रेता जैसी निर्माण सामग्री के परिवहन और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। नियम तोड़ने पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
और किन-किन चीजों पर कार्रवाई?
प्रदूषण कम करने के लिए सरकार ने कई अन्य कदम भी उठाए हैं, जिनमें शामिल हैं:
- डीजल जनरेटर के इस्तेमाल पर सख्त कार्रवाई
- बैंक्वेट हॉलों में डीजी सेट नियमों का कड़ाई से पालन
- उद्योगों की लगातार निगरानी
- इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ाने पर जोर
- प्रदूषण के हॉटस्पॉट इलाकों में विशेष निगरानी
- उत्सर्जन जांच और PUC चालानों का सख्त अमल
आम आदमी पार्टी पर आरोप
मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि दिल्ली में मौजूदा प्रदूषण स्तर करीब 363 है और यह समस्या बीते एक दशक से बनी हुई है। उन्होंने आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि 10 साल तक सत्ता में रहने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए और अब वही लोग इस मुद्दे पर विरोध कर रहे हैं।
सरकार का दावा – ठोस काम हुए
सरकार ने यह भी दावा किया कि प्रदूषण से निपटने के लिए ज़मीनी स्तर पर कई काम किए गए हैं। इनमें:
- कूड़े के पहाड़ों में से 202 एकड़ में से 45 एकड़ ज़मीन खाली कर वहां हरियाली विकसित करना
- गैर-अनुरूप औद्योगिक इलाकों को नियंत्रित करना
- लगभग 8000 उद्योगों पर 9.21 करोड़ रुपये का जुर्माना
- लकड़ी जलाने से रोकने के लिए 10,000 इलेक्ट्रिक हीटर बांटे गए
- कचरे की बायो-माइनिंग क्षमता 20,000 से बढ़ाकर 35,000 मीट्रिक टन प्रतिदिन की गई
- सरकार का लक्ष्य है कि 2026 तक दिल्ली के कूड़े के पहाड़ पूरी तरह खत्म कर दिए जाएं।
आम लोगों के लिए क्या मतलब?
इन नए नियमों के बाद दिल्ली के वाहन चालकों को अब अपने वाहन के दस्तावेज़ पूरे रखने होंगे। खासकर PUC सर्टिफिकेट के बिना गाड़ी चलाना या ईंधन लेना संभव नहीं होगा। सरकार का कहना है कि ये कदम दिल्ली को धीरे-धीरे प्रदूषण मुक्त बनाने की दिशा में ज़रूरी हैं।
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