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Jahangirpuri Violence: आरोप, तफ्तीश और गिरफ्तारी… जहांगीरपुरी हिंसा में दिल्ली पुलिस पर उठ रहे ये 5 गंभीर सवाल


हनुमान जयंती पर शोभायात्रा के दौरान शनिवार की शाम उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी में भड़की हिंसा को लेकर जांच की आंच अब तेज हो चुकी है. हिंसा की जांच क्राइम ब्रांच के हवाले की जा चुकी है. दंगों में दो बड़े चेहरे अंसार और असलम के अलावा अब तक 21 गिरफ्तारियां और दो नाबालिगों को हिरासत में लिया गया है. इस हिंसा में आम लोगों के साथ ही पुलिस के आठ जवान घायल हुए थे. एक तरफ जहां इस मामले में अब तक 21 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है तो वहीं दूसरी तरफ यह मामले सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है. याचिकाकर्ता ने जहांगीरपुरी समेत देशभर में हुई हिंसा की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच की मांग की है.

जबकि, दिल्ली पुलिस के कमिश्नर राकेश अस्थाना ने सोमवार की सुबह घायल एसआई मेदा लाल से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना. पुलिस आयुक्त ने मेदा लाल का हालचाल पूछा और कहा कि पूरे बल को उनके साहस एवं कर्तव्य की भावना पर गर्व है, जिससे अनियंत्रित भीड़ पर काबू पाने में मदद मिली. बयान में कहा गया, ‘‘ उन्होंने उप-निरीक्षक को आश्वासन दिया कि विभाग इस मुश्किल घड़ी में उनकी हर संभव सहायता करेगा.’ लेकिन, जहांगीरपुरी हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस की तरफ से जारी तफ्तीश और गिरफ्तारी के बीच कुछ ऐसे सवाल हैं, जिसके जवाब आने अभी बाकी है. उत्तर-पश्चिम दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं.

पहला सवाल-
खुफिया जानकारी थी तो जुलूस क्यों नहीं रोका ?

दूसरा सवाल-
36 घंटे बाद फॉरेसिंक की टीम क्यों पहुंची ?

तीसरा सवाल-
हिंसा का असली सूत्रधार कौन है ?

चौथा सवाल-
जहांगीरपुरी संवेदनशील इलाका, सुरक्षा के इंतजाम क्यों नहीं थे?
पांचवां सवाल-
हिंसा रोकने में पुलिस क्यों नाकाम रही ?

जहांगीरपुरी हिंसा मामले में दंगे की जांच बेशक क्राइम ब्रांच को हेंडओवर हो गई है, लेकिन इलाके के दंगाईओ को पकड़ने के लिए लोकल पुलिस भी लगातार दबिश दे रही है. दंगो में दो बड़े चेहरे अंसार और असलम के अलावा अब तक 21 गिरफ्तारियां और दो नाबालिगो को हिरासत में लिया गया है.
जांच में सामने आया है असलम को फायरिंग करने के लिए इलाके के ही एक क्रिमिनल गुल्ली ने भड़काया था, इस गुल्ली को पकड़ने की धर पकड़ चल रही है. साथ ही एक और शख्स जो फायरिंग करता नजर आया था उसकी गोली हांलाकि किसी को लगी नहीं थी, उसकी पहचान हो गई है. उसे पकड़ने के लिए रेड्स चल रही है. इसके एक खास जो इसका दूर का भाई भी है सलीम उर्फ़ चिकना भी पकड़ा जा चुका है जो खुद दंगे में शामिल था.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, फोरेंसिक टीम सबूत जुटा रही है, जल्द क्राइम ब्रांच के अफसर मौके पर जाएंगे और एक नंबर जारी किया जा सकता है. लोगों से अपील के लिए फोटो वीडियो भेजने के लिए फिर साइबर सेल की मदद से उन्हे आइडेंटिफाई किया जाएगा

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