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BCCI का नया IPL ऑक्शन नियम: विदेशी खिलाड़ियों की सैलरी पर लगी 18 करोड़ की सीमा


आईपीएल 2026 के मिनी ऑक्शन से पहले बीसीसीआई का एक नियम चर्चा में है, जो सीधे तौर पर विदेशी खिलाड़ियों की कमाई से जुड़ा हुआ है। इस ऑक्शन में 350 से ज्यादा खिलाड़ियों की किस्मत तय होगी, जिनमें करीब 110 विदेशी खिलाड़ी शामिल हैं। इन विदेशी खिलाड़ियों में कैमरन ग्रीन, लायम लिविंग्सटन और डेवन कॉनवे जैसे बड़े नाम भी मौजूद हैं।

हालांकि, अब चाहे किसी विदेशी खिलाड़ी पर बोली कितनी भी ऊंची क्यों न लगे, उसे अधिकतम 18 करोड़ रुपये ही मिलेंगे। यह सीमा बीसीसीआई द्वारा तय की गई है, ताकि विदेशी खिलाड़ियों की सैलरी पर नियंत्रण रखा जा सके।

क्या है बीसीसीआई का नया नियम?

आईपीएल गवर्निंग काउंसिल के इस नियम के अनुसार, किसी भी विदेशी खिलाड़ी को ऑक्शन में 18 करोड़ रुपये से ज्यादा की सैलरी नहीं दी जा सकती। अगर किसी खिलाड़ी पर इससे ज्यादा की बोली लगती भी है, तब भी उसकी व्यक्तिगत कमाई 18 करोड़ तक ही सीमित रहेगी।

यह नियम ऐसे समय में आया है, जब फ्रेंचाइजियां खिलाड़ियों पर भारी रकम खर्च करने के लिए तैयार हैं। उदाहरण के तौर पर, कोलकाता नाइट राइडर्स ऑक्शन में लगभग 64 करोड़ रुपये के सबसे बड़े पर्स के साथ उतर रही है, जबकि चेन्नई सुपर किंग्स के पास करीब 43 करोड़ रुपये उपलब्ध हैं। यानी पैसों की कमी नहीं है, लेकिन नियम टीमों को विदेशी खिलाड़ियों पर जरूरत से ज्यादा खर्च करने से रोकता है।

पहले ही लागू हो चुका है नियम

बीसीसीआई ने यह नियम आईपीएल 2025 के मेगा ऑक्शन से पहले ही लागू कर दिया था। अब यह नियम आईपीएल 2026 के मिनी ऑक्शन में भी जारी रहेगा। बोर्ड का मकसद लीग में वित्तीय संतुलन बनाए रखना और मिनी ऑक्शन में डिमांड–सप्लाई के कारण बढ़ने वाली कीमतों पर रोक लगाना है।

20 करोड़ की बोली, लेकिन मिलेंगे सिर्फ 18 करोड़

आईपीएल 2026 के मिनी ऑक्शन में खासतौर पर ऑलराउंडर्स और तेज गेंदबाजों पर फ्रेंचाइजियों की नजर है। कई विदेशी खिलाड़ी सीमित उपलब्धता के बावजूद मोटी रकम खींच सकते हैं। ऐसे में अगर उन्हें बहुत ज्यादा पैसा दिया जाए, तो यह न फ्रेंचाइजी के हित में होगा और न ही लीग के लिए सही माना जाएगा।

नए नियम के तहत अगर किसी विदेशी खिलाड़ी पर 20 करोड़ रुपये की बोली लगती है, तो उसे 18 करोड़ रुपये ही मिलेंगे। बची हुई 2 करोड़ रुपये की रकम बीसीसीआई के प्लेयर वेलफेयर फंड में चली जाएगी। हालांकि, फ्रेंचाइजी को पूरी बोली की रकम यानी 20 करोड़ रुपये ही चुकाने होंगे।

भारतीय खिलाड़ियों पर नहीं होगा असर

यह नियम सिर्फ विदेशी खिलाड़ियों पर लागू होता है। भारतीय खिलाड़ियों की सैलरी पर इस तरह की कोई ऊपरी सीमा तय नहीं की गई है।

कुल मिलाकर, बीसीसीआई का यह कदम आईपीएल को आर्थिक रूप से संतुलित रखने और विदेशी खिलाड़ियों की बढ़ती सैलरी पर लगाम लगाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।

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