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भोपाल: सौरभ शर्मा केस में 500 करोड़ के भ्रष्टाचार का पर्दाफाश


भोपाल में हुए सौरभ शर्मा केस ने बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार और काले धन के नेटवर्क का खुलासा किया है। जांच में यह पता चला है कि सौरभ शर्मा और उनके परिवार के सदस्य, जैसे उनकी पत्नी दिव्या, ससुर चेतन, मां उमा, और बेटे अभिरल, कई संपत्तियों और अवैध रूप से अर्जित धन के मालिक हैं।

इंद्रा सागर डेम से जुड़े टेंडर और संपत्तियां

जांच से सामने आया है कि सौरभ शर्मा का परिवार इंद्रा सागर डेम के टेंडरों में शामिल था। उनकी पत्नी दिव्या और ससुर चेतन के नाम पर यह टेंडर पाए गए। इसके अलावा, इंदौर में तीन घर और ग्वालियर में 18 एकड़ जमीन भी इनके नाम पर है।

बेटे के नाम पर लाखों की एफडी

सौरभ शर्मा के बेटे अभिरल के नाम पर लाखों रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) भी दर्ज की गई हैं। यह दर्शाता है कि भ्रष्टाचार से अर्जित धन को कानूनी रूप देने के लिए परिवार ने अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल किया।

मध्य प्रदेश और देशभर में फैली संपत्तियां

सौरभ शर्मा का भ्रष्टाचार सिर्फ भोपाल तक सीमित नहीं था। उनके परिवार के पास होशंगाबाद और औबेदुल्लागंज रोड पर तीन पेट्रोल पंप हैं। मयूर विहार, अरेरा कॉलोनी, और प्रधान मंडपम जैसे इलाकों में 4 बंगले भी हैं। शाहपुरा में एक निर्माणाधीन स्कूल और इंदौर के विजयनगर में एक होटल भी उनके नाम पर है।

साथी शरद जयसवाल का नाम भी जुड़ा

सौरभ शर्मा के साथी शरद जयसवाल के नाम पर भी करोड़ों की संपत्तियां हैं। इनमें ई-8 इलाके में 3.30 करोड़ रुपये का एक घर और शाहपुरा में “फजीटो” नाम का रेस्टोरेंट शामिल है।

भ्रष्टाचार का बड़ा जाल

यह साफ है कि सौरभ शर्मा और उनके परिवार ने भ्रष्टाचार और काले धन का इस्तेमाल कर अपनी संपत्तियां बढ़ाई। सूखी सेवनिया में वेयरहाउस, कोलार में एक स्कूल, और देशभर में अन्य संपत्तियां भी उनके नाम पर दर्ज हैं।

भोपाल में सौरभ शर्मा केस से यह स्पष्ट हो गया है कि भ्रष्टाचार किस हद तक परिवार के कारोबार और संपत्तियों में शामिल था। यह मामला दिखाता है कि कैसे अवैध तरीकों से संपत्ति अर्जित की गई और उसे छिपाने के लिए अलग-अलग साधनों का इस्तेमाल किया गया।

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