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बिहार में महागठबंधन में बड़ी मुश्किलें


लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों का ऐलान हो चुका है। समस्त दल आक्रमक रवैया एख्तियार किए हैं। एक के बाद एक सभी दल प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर रहे हैं, मगर कई प्रदेशों में अभी भी सियासी उथल पुथल जारी है।

चर्चा बिहार की करें तो एक तरफ राज्य में एनडीए ने सीट बंटवारे से लेकर प्रत्याशी तक तय कर लिए हैं, वहीं इंडिया गठबंधन का पेंच अभी नहीं सुलझा है। कांग्रेस और आरजेडी में टकराव इसकी एक अहम कारण है।

दरअसल, सारा पेंच सीमांचल की पूर्णिया संसदीय सीट पर फंस गया है। पूर्णिया सीट पर अभी जेडीयू का कब्जा है। बीते इलेक्शन में एनडीए को इस सीट से जीत मिली थी। एनडीए ने जेडीयू के संतोष कुशवाहा को फिर से मैदान में उतारा है जो आज नामांकन करेंगे। मगर सीट पर टकराव देने की बात तो दूर अभी तक महागठबंधन का आपस में ही बवाल खत्म नहीं हो रहा है।

एक ओर कांग्रेस के उम्मीदवार पप्पू यादव इस सीट से ही इलेक्शन लड़ने के लिए अड़ चुके हैं और दूसरी ओर लालू यादव ने जेडीयू छोड़कर आरजेडी का दामन थामने वाली रुपौली की विधायक बीमा भारती को पूर्णिया से टिकट दे दिया है। पप्पू यादव पिछले कई महीनों से पूर्णिया में पसीना बहा रहे हैं। पिछली बार मधेपुरा से पप्पू यादव को हार का सामना करना पड़ा था मगर इस बार वो रिस्क नहीं लेना चाहते हैं। वो पूर्णिया से निर्दलीय उम्मीदवार बनकर दो बार सांसद बने हैं। इसलिए उन्हें पूर्णिया से जीत की उम्मीद है और ये बड़ी वजह है कि वो पूर्णिया से ही लड़ना चाहते हैं। पप्पू यादव ने हाल में ही अपनी जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय कराया है। ऐसे में कांग्रेस भी उनकी बात अनसुनी नहीं कर सकती।

पको बता दें कि पप्पू यादव ने इससे पहले बड़ा खुलासा किया था कि लालू यादव उन्हें आरजेडी में शामिल कराना चाहते थे और लालू यादव ने उन्हें पूर्णिया के बदले मधेपुरा से लड़ने के लिए कहा था, मगर उनके प्रस्ताव को उन्होंने ठुकरा दिया था। पप्पू यादव ने साफ शब्दों में कहा है कि वो दुनिया छोड़ देंगे मगर पूर्णिया नहीं छोड़ेंगे।

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