नए साल के जश्न पर फतवे को लेकर मौलाना साजिद रशीदी का बड़ा बयान
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी द्वारा नए साल के जश्न में शामिल होने और बधाई देने के खिलाफ जारी फतवे पर अब मौलाना साजिद रशीदी ने प्रतिक्रिया दी है। मौलाना रशीदी ने कहा कि नए साल में मुबारकबाद देने में कोई आपत्ति नहीं है, और इस्लाम में नाच-गाना, डीजे और शराब पीने जैसी गतिविधियों पर ही पाबंदी है, न कि नए साल के जश्न में शरीक होने पर।
मौलाना रशीदी का कहना था कि फतवे जारी करने वाले मौलाना मीडिया में सुर्खियां बटोरने के लिए ऐसे बयान देते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस्लाम में नए साल के जश्न पर कोई रोक नहीं है, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने यह स्पष्ट किया कि इस्लामिक शरीयत के खिलाफ किसी भी तरह की गैर-इस्लामी गतिविधियों जैसे नाच-गाना या शराब पीना नहीं किया जाना चाहिए।
शहाबुद्दीन रजवी का फतवा
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने अपने वीडियो संदेश में कहा था कि नए साल के जश्न में शरीक होना और एक-दूसरे को बधाई देना इस्लाम में मना है। उन्होंने यह भी कहा कि नए साल का जश्न ईसाई धर्म की धार्मिक रस्मों से संबंधित है, और मुसलमानों को दूसरे धर्मों की धार्मिक रस्मों में भाग लेने से बचना चाहिए। इसके साथ ही, उन्होंने यह चेतावनी दी थी कि नाच-गाना, शराब पीना, और जुआ खेलना जैसे कार्य इस्लाम में सख्त मना हैं और इनसे बचना चाहिए।
मौलाना कारी इस्हाक गोरा का समर्थन
इस मामले में मौलाना कारी इस्हाक गोरा ने भी अपनी राय दी थी। उन्होंने कहा था कि इस्लाम नए साल पर जश्न मनाने की अनुमति नहीं देता और मुसलमानों से अपील की थी कि वे पार्टियों, म्यूजिक, डांस और आतिशबाजी जैसी गतिविधियों से दूर रहें।
नए साल के जश्न को लेकर यह बहस अब तीव्र हो गई है, और विभिन्न धार्मिक नेता इस पर अपने-अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं।
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