मुंबई पुलिस के हत्थे चढ़ा फर्जी छापेमारी गिरोह
Fake Raid Gang In Mumbai: विभिन्न सरकारी एजेंसियों के अधिकारी बनकर छापेमारी करने और जब्ती के नाम पर नगदी, कीमती सामानों को लेकर रफूचक्कर होने वाले गैंग के 12 लोगों को गिरफ्तार किया है.
Mumbai Police Arrested Fake Raid Gang: फिल्म सिटी मुंबई में स्पेशल 26 फिल्म की तर्ज पर एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) अधिकारी बनकर कारोबारी और सरकारी अधिकारियों के घर छापेमारी करने वाले एक शातिर गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है. पुलिस ने गैंग के सरगना (Master mind) सहित 12 लोगों को गिरफ्तार किया है.
नवी मुंबई में तीन महीने पहले एक सेवानिवृत सरकारी अधिकारी के घर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के अधिकारी बनकर गैंग के छह लोग भरी दोपहरी छापेमारी करने पहुंचे थे. एसीबी अधिकारी होने का रौब झाड़ते हुए घर में घुसने के बाद गैंग के ये शातिर लुटेरे करीब 35 लाख रुपये की नगदी और कीमती सामानों को जब्ती के नाम लेकर रफू चक्कर हो गए थे. शिकायत दर्ज होने के बाद सक्रिय हुई पुलिस ने गैंग के 11 लोगों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था.
पुलिस अधिकारी ने बताया कैसे दिया वारदात को अंजाम
विरार पुलिस स्टेशन के सीनियर इंस्पेक्टर राजेंद्र कांबले ने बुधवार (25 अक्टूबर) को बताया कि नवी मुंबई में एरोली स्थित लोक निर्माण विभाग (PWD) के एक सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी के घर 21 जुलाई को इस गैंग के 6 लुटेरों की टीम ने एसीबी अधिकारी बनकर छापेमारी की. उन्होंने पूरे घर की तलाशी ली और कीमती सामानों को एक जगह एकत्रित करते रहे. बाद में यहां से मिले 34.85 लाख रुपये नगदी और कीमती सामानों को जब्त करने के नाम पर लेकर वे चंपत हो गए थे.
आरोपितों ने सरकारी अधिकारी की पत्नी को भी तब जान से मारने की धमकी दी जब वह छापेमारी में बाधा बनने की कोशिश कर रही थीं. लुटेरों के चले जाने के बाद वारदात का अंदेशा हुआ जिसके बाद उन्होंने विरार थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी. इसके बाद भारतीय दंड विधान (आईपीसी) के तहत डकैती, आपराधिक साजिश, धमकी और सरकारी अधिकारी बनकर धोखाधड़ी करने की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था.
मास्टरमाइंड की तलाश में थी पुलिस
राजेंद्र कांबले ने बताया है कि गैंग से जुड़े 11 लोगों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था. इनसे पूछताछ के बाद गिरोह के मास्टरमाइंड की तलाश की जा रही थी, जिसकी पहचान 35 साल के अमित बारीक के तौर पर हुई थी. हाल ही में नवी मुंबई पुलिस को सूचना मिली थी कि बारीक, विरार के चंदनसर में मौजूद है. इसके बाद विरार पुलिस की मदद से उसे घेर कर दबोच लिया गया. 22 अक्टूबर को उसकी गिरफ्तारी हुई है.
इन सभी से पूछताछ कर यह पता लगाया जा रहा है कि इस तरह से उन्होंने विभिन्न एजेंसियों के अधिकारी बनकर कितने लोगों के घर छापेमारी कर लूट की वारदात को अंजाम दिया है.
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