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महाकाल मंदिर में आरती में गुलाल डालने के दौरान लगी आग


उज्जैन।महाकाल मंदिर में आरती के दौरान भभकी आग में गंभीर रूप से झुलसे चार पुजारियों को उपचार के लिए इंदौर रेफर किया गया है। घटना के बाद उज्जैन जिला अस्पताल में डॉक्टर विलंब से पहुंचे।

इससे लोगों में नाराजगी देखी गई। मंदिर में आग से पुजारियों, पंडों और सेवकों सहित 14 लोग झुलस गए। हादसे के बाद महाकाल मंदिर में दर्शनार्थियों के प्रवेश का सिलसिला जारी है। वैसे भी अभी महाकाल गर्भगृह में भक्तों को नहीं जाने दिया जा रहा है।

हादसे के बाद महाकाल मंदिर में अफरातफरी के हालात निर्मित हो गए थे। उल्लेखनीय है कि ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में सोमवार सुबह भस्म आरती के दौरान आग भभक गई। सभी घायलों को जिला अस्पताल पहुंचाया गया। यहां से कुछ लोगों को इंदौर रेफर किया गया है। कलेक्टर नीरज सिंह के अनुसार सभी की हालत खतरे से बाहर है।

उड़ाया जा रहा था गुलाल और भभकी आग

महाकाल मंदिर में रोज की तरह सोमवार तड़के भस्म आरती हो रही थी। होली के कारण श्रृंगार के बाद गर्भगृह और उसके ठीक बाहर गुलाल उड़ाया जा रहा था। इस दौरान आग भभकी। बताया जा रहा है कि गुलाल में केमिकल होने के कारण आग लगी। गर्भगृह की दीवार को गुलाल से बचाने के लिए फ्लैक्स भी लगाए गए थे। इसमें भी आग लगी। अग्निशमन यंत्रों से आग पर काबू पाया गया। घटना में सत्यनारायण, चिंतामन, रमेश, अंश, शुभम, विकास, महेश, मनोज, संजय, आनंद, सोनू और राजकुमार नाम के पुजारी और सेवक झुलसे हैं।

डाॅक्टरों के देरी से पहुंचने पर पुजारी नाराज

घटना के बाद सभी झुलसे लोगों को जिला अस्पताल ले जाया गया था। हालांकि डाॅक्टर मौके पर नहीं थे। डाॅक्टरों के देरी से आने पर पुजारी नाराज हुए। ताबड़तोड़ अधिकारियों को फोन किया गया। घटना की सूचना मिलते ही कलेक्टर नीरज सिंह और एसपी प्रदीप शर्मा भी मौके पर पहुंचे। बाद में चार पुजारियों को इंदौर अरबिंदो अस्पताल रैफर किया गया।

कमेटी करेगी जांच

कलेक्टर नीरज सिंह ने बताया कि सभी झुलसे लोगों का बेहतर उपचार किया जा रहा है। सभी की हालत खतरे से बाहर है। आग कैसे लगी, इसकी जांच के लिए एक कमेटी बनाई है।

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