गैंगस्टर दीपक बॉक्सर लाया गया हिंदुस्तान, पुलिस अफसर का आया ये बयान
भारत के मोस्ट वांटेड गैंगस्टर्स में से एक दीपक बॉक्सर को बुधवार को हिंदुस्तान लाया गया। उसे दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की एक टीम ने एफबीआई की मदद से मेक्सिको में गिरफ्तार किया था। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। दीपक बॉक्सर जाली पासपोर्ट पर भारत से मेक्सिको भाग गया था। स्पेशल सेल की साउथ वेस्ट रेंज की एक टीम एफबीआई की मदद से दीपक बॉक्सर को भारत वापस लाने के लिए मेक्सिको गई थी।बुधवार सुबह विशेष आयुक्त पुलिस एच.जी.एस. धालीवाल, पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) प्रमोद कुशवाहा और अन्य अधिकारी इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे गए, जहां स्पेशल टीम बॉक्सर के साथ मेक्सिको से उतरी।
अधिकारी ने कहा, दिल्ली पुलिस ने मेक्सिकन प्रशासन से दीपक को निर्वासित करने का अनुरोध किया था। मेक्सिको सिटी में भारतीय दूतावास ने दिल्ली पुलिस के साथ सहयोग किया, और अधिकारियों की एक टीम को दूतावास, मैक्सिकन अधिकारियों, पुलिस और एफबीआई के साथ समन्वय करने के लिए मेक्सिको सिटी भेजा गया, ताकि दीपक के आपराधिक नेटवर्क से किसी भी कानूनी चुनौती से पहले उसका निर्वासन सुनिश्चित किया जा सके। दिल्ली पुलिस के अनुसार, हरियाणा के सोनीपत का रहने वाला कुख्यात गैंगस्टर दीपक पहल उर्फ बॉक्सर 10 आपराधिक मामलों में वांछित था, जिसमें हत्या, हत्या का प्रयास और महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत अन्य शामिल है। इसके अलावा बॉक्सर जितेंद्र गोगी गैंग को भी संभाल रहा था। रोहिणी कोर्ट में हुई मुठभेड़ में गोगी मारा गया था। वह लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के सदस्यों के संपर्क में भी था।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, दिल्ली पुलिस के इतिहास में यह संभवत: पहली बार है कि संयुक्त पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मेक्सिको से एक भगोड़े को भारत वापस ला रहे हैं। पुलिस के मुताबिक, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को दीपक बॉक्सर की लोकेशन के बारे में गुप्त सूचना मिलने के बाद ऑपरेशन शुरू किया गया था। स्पेशल सेल के विशेष पुलिस आयुक्त एच.जी.एस धालीवाल ने कहा, बॉक्सर और उसके गिरोह के खिलाफ इस साल 16 मार्च को स्पेशल सेल पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था, जिसके तहत वर्तमान ऑपरेशन को अंजाम दिया गया था। इस मामले में यह तय किया गया था कि बॉक्सर का पता लगाया जाए और उसे दुनिया के किसी भी कोने से गिरफ्तार किया जाए।कड़ी पूछताछ और तकनीकी प्रक्रियाओं के लगभग एक महीने बाद, यह खुलासा हुआ कि अपराधी नकली पासपोर्ट पर भारत से भाग गया था और अंत में मेक्सिको पहुंचने से पहले कई देशों में रुका था।
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