आरएसएस की 4 से 6 जुलाई तक अहम बैठकें, शताब्दी वर्ष की तैयारियों पर होगी चर्चा
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की देशभर से जुड़े प्रमुख पदाधिकारियों की बैठक 4 जुलाई से 6 जुलाई तक होने जा रही है। इस बैठक की जानकारी संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने दी। उन्होंने बताया कि यह वार्षिक बैठक संघ की परंपरा का हिस्सा है, जिसमें पूरे देश के 46 प्रांत प्रचारक हिस्सा लेंगे।
बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद रहेंगे और दिशा-निर्देश देंगे। यह बैठक संघ के कार्य की प्रगति, विस्तार और समस्याओं की समीक्षा के उद्देश्य से आयोजित की जा रही है।
प्रशिक्षण वर्गों की समीक्षा भी होगी
संघ के अनुसार, इस साल 100 प्रशिक्षण वर्गों का आयोजन सफलतापूर्वक किया गया है। इनमें 40 वर्ष से कम आयु के स्वयंसेवकों के लिए 75 वर्ग हुए, जबकि वरिष्ठ स्वयंसेवकों के लिए 25 वर्ग आयोजित किए गए। इन वर्गों में किस प्रकार का प्रशिक्षण दिया गया और उसका कितना असर हुआ, इस पर भी बैठक में विस्तार से चर्चा होगी।
भाजपा और एबीवीपी के प्रतिनिधि भी लेंगे भाग
बैठक में संघ के 32 सहयोगी संगठनों के संगठन मंत्री भी भाग लेंगे। इसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) जैसे संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल रहेंगे।
शताब्दी वर्ष मुख्य विषय रहेगा
संघ की स्थापना के 100 वर्ष 2025 में पूरे हो रहे हैं। इस मौके पर वर्षभर चलने वाले कार्यक्रमों की योजना पर बैठक में चर्चा होगी। प्रत्येक प्रांत ने इसके लिए अलग-अलग योजनाएं बनाई हैं। 2 अक्टूबर 2025 से खंड स्तर पर हिंदू सम्मेलनों की शुरुआत होगी, जिनमें संघ प्रमुख स्वयं भी भाग लेंगे।
विशेष संवाद और संपर्क अभियान की तैयारी
संघ प्रमुख दिल्ली, बेंगलुरु, मुंबई और कोलकाता जैसे प्रमुख शहरों में विशेष संवाद कार्यक्रम करेंगे। इसके अलावा घर-घर जाकर संपर्क अभियान चलाया जाएगा, जिसमें स्वयंसेवक संघ का साहित्य लेकर आम लोगों के बीच पहुंचेंगे। सामाजिक सद्भाव और संवाद के लिए विशेष बैठकें भी की जाएंगी।
संघ से जुड़ रहे हैं नए स्वयंसेवक
संघ के प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने बताया कि मार्च 2024 से अब तक 28,571 लोग ‘जॉइन आरएसएस’ कार्यक्रम के माध्यम से संगठन से जुड़ चुके हैं। आने वाले एक साल में युवाओं को ध्यान में रखते हुए विशेष कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे.
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