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पहले चरण में मोदी सरकार के 8 मंत्री, किसके नाम पर दबेगा EVM का बटन?


लोकसभा चुनाव के पहले चरण की 102 सीटों पर शुक्रवार को होने वाले मतदान के लिए प्रचार का शोर थम गया. पहले चरण में बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए और कांग्रेस के अगुवाई वाले इंडिया गठबंधन के साथ कई दिग्गज नेताओं की किस्मत दांव पर लगी है.

मोदी सरकार के 8 केंद्रीय मंत्री, दो पूर्व मुख्यमंत्री और एक पूर्व राज्यपाल की अग्निपरीक्षा पहले चरण में होनी है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, भूपेंद्र यादव, किरेन रिजिजू, अर्जुनराम मेघवाल जैसे नेताओं के साथ-साथ कई दिग्गजों नेताओं पर सभी की निगाहें लगी हुई हैं, जिनकी सीटों पर पहले चरण में वोटिंग होनी है.

बता दें कि पहले चरण में 21 राज्यों की 102 लोकसभा सीटों पर शुक्रवार को मतदान होगा. पहले चरण में कुल 1625 प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरे हैं. इसमें 134 महिला उम्मीदवार मैदान में हैं, तो 1491 पुरुष कैंडिडेट हैं. राजनीतिक दलों के नजरिए से देखें तो पहले चरण में बसपा के 86, बीजेपी के 77, कांग्रेस के 56, AIADMK के 36, DMK के 22, टीएमसी के 5, आरजेडी के 4, सपा के सात, आरएलडी के 1, एलजेपी (आर) के एक और जीतनराम मांझी की पार्टी हम से एक उम्मीदवार मैदान में है.

वहीं, 2019 के लोकसभा चुनाव में इन 102 सीटों में से बीजेपी 40, डीएमके ने 24, कांग्रेस ने 15 सीटें जीती थीं. इसके अलावा बसपा 3 सीट और सपा दो सीटें जीती थी, जबकि 18 सीटें अन्य दलों को मिली थीं. इस तरह से 2019 में यूपीए ने इन 102 सीटों में से 45 और एनडीए ने 41 सीटें जीती थीं. यही वजह है कि एनडीए और इंडिया गठबंधन दोनों के लिए पहला चरण काफी अहम माना जा रहा है. इस तरह पहला फेज का चुनाव जितना बीजेपी और कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण है, उससे कम दोनों पार्टियों के दिग्गज नेताओं के लिए भी है. पहले चरण की हाईप्रोफाइल सीटों पर सभी की निगाहें हैं.

गडकरी लगाएंगे जीत की हैट्रिक

महाराष्ट्र की नागपुर लोकसभा सीट से केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी तीसरी बार चुनावी मैदान में है. गडकरी के खिलाफ कांग्रेस से विकास ठाकरे किस्मत आजमा रहे हैं. 2014 में गडकरी ने पहली बार सात बार के सांसद रहे विलास मुत्तेमवार को 2.84 लाख वोटों से हराया था. 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी नाना पटोले को 2.16 लाख वोटों से हराया था. इस बार वो नागपुर से जीत की हैट्रिक लगाने के मूड से उतरे हैं, लेकिन विपक्षी ने संयुक्त रूप से विकास ठाकरे को उतारा है.

अर्जुनराम मेघवाल की अग्निपरीक्षा

राजस्थान की बीकानेर लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. इस सीट से बीजेपी के दिग्गज नेता और केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल एक बार फिर से मैदान में उतरे हैं, जिनके खिलाफ कांग्रेस से पूर्व मंत्री गोविंद राम मेघवाल मैदान में है. इस तरह बीकानेर का मुकाबला मेघवाल बनाम मेघवाल है. अर्जुनराम मेघवाल बीकानेर सीट से तीन बार चुनाव जीत चुके हैं और अब चौथी बार मैदान में उतरे हैं, जिसके चलते उनके लिए यह चुनाव काफी अहम है.

अलवर सीट पर भूपेंद्र यादव

राजस्थान की अलवर लोकसभा सीट पर पहले चरण की हाई प्रोफाइल सीट मानी जा रही है. यहां से बीजेपी के दिग्गज नेता और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव चुनावी मैदान में है. भूपेंद्र यादव के खिलाफ कांग्रेस से विधायक ललित यादव किस्मत आजमा रहे हैं. 2019 में यहां से बाबा बालक नाथ ने लोकसभा का चुनाव जीता था, लेकिन इस बार बीजेपी ने भूपेंद्र यादव को उतारा है. यादव बहुल सीट पर कांग्रेस और बीजेपी दोनों यादव उम्मीदवार उतारे हैं, जिसके चलते मुकाबला काफी रोचक माना जा रहा.

चक्रव्यूह में घिरे संजीव बालियान

उत्तर प्रदेश की हाई प्रोफाइल सीट मुजफ्फरनगर में इस बार केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान घिर गए हैं. संजीव बालियान तीसरी बार चुनावी मैदान में उतरे हैं, जिनके खिलाफ सपा से जाट नेता हरेंद्र मलिक और बसपा से दारा सिंह प्रजापति मैदान में है. 2014 और 2019 के चुनाव में बालियान जीतने में कामयाब रहे, लेकिन इस बार हरेंद्र मलिक और प्रजापति के उतरने से चुनावी लड़ाई रोचक हो गई है. मुजफ्फरनगर में ठाकुर मतदाता नाराज माने जा रहे हैं, तो जाट वोटों में बिखराव भी उनके लिए चुनौती बना हुआ है, तो मुस्लिम वोटर सपा के साथ एकजुट हैं. ऐसे में बालियान की राह आसान नहीं है.

चौथी बार मैदान में रिजिजू

अरुणाचल प्रदेश की पश्चिम लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू चुनाव मैदान में हैं. किरेन रिजिजू 2004 से तीन बार इस सीट से सांसद रह चुके हैं और चौथी बार जीत के लिए मैदान में उतरे हैं. रिजिजू का मुकाबला पूर्व मुख्यमंत्री और अरुणाचल प्रदेश कांग्रेस के वर्तमान अध्यक्ष नबाम तुकी से हैं. इसके चलते माना जा रहा है कि रिजिजू को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

डिब्रूगढ़-सोनोवाल की परीक्षा

असम की डिब्रूगढ़ लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल चुनावी मैदान में उतरे हैं. बीजेपी ने इस बार केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री रामेश्वर तेली की जगहसोनोवाल को डिब्रूगढ़ से मैदान में उतारा है. कांग्रेस से मनोज धनोवर चुनावी मैदान में उतरे हैं. देखना है कि डिब्रूगढ़ सीट पर सोनोवाल क्या जीत का परचम फहरा पाएंगे?

जितेंद्र सिंह क्या हैट्रिक लगाएंगे?

जम्मू-कश्मीर के दिग्गज नेता और मोदी सरकार में मंत्री जितेंद्र सिंह उधमपुर लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरे हैं. इस सीट से वो लगातार दो बार से चुनाव जीत रहे हैं और अब तीसरी बार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. जितेंद्र सिंह के खिलाफ कांग्रेस ने चौधरी लाल सिंह को मैदान में उतारा है. ऐसे में देखा है कि वो जीत की हैट्रिक लगा पाते हैं कि नहीं?

मुरुगन और एक राजा की फाइट

तमिलनाडु की नीलगिरी लोकसभा सीट पर मोदी सरकार के मंत्री और मनमोहन सरकार में रह चुके मंत्री के बीच मुकाबला है. डीएमके से पूर्व केंद्रीय मंत्री एक राजा चुनावी मैदान में है, जिनके खिलाफ बीजेपी ने मोदी सरकार में मंत्री एल मुरुगन को उतारा है. ए राजा इस सीट से लगातार चुनाव जीत रहे हैं, जबकि मुरुगन पहली बार नीलगिरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.

वहीं, तमिलनाडु की कोयंबटूर लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी के अध्यक्ष अन्नामलाई मैदान में उतरे हैं. यहां उनका सामना डीएमके नेता गणपति पी. राजकुमार और एआईएडीएमके के सिंगाई रामचंद्रन से है. इसी तरह तमिलनाडु की शिवगंगा लोकसभा सीट पर मौजूदा सांसद कार्ति चिदंबरम का मुकाबला बीजेपी के टी देवनाथन यादव और अन्नाद्रमुक के जेवियर दास से है. तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल पद से इस्तीफा देने वाली तमिलिसाई सौंदरराजन सक्रिय राजनीति में वापसी करते हुए चेन्नई दक्षिण सीट से चुनाव मैदान में हैं.

पहले फेज में इन दिग्गजों की साख दांव पर

पहले चरण में पश्चिम त्रिपुरा सीट से चुनाव लड़ रहे पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब की साख दांव पर है, जिनका मुकाबला प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष आशीष कुमार साहा से है. असम की जोरहाट सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के बेटे गौरव गोगोई चुनाव लड़ रहे हैं. मणिपुर के कानून और शिक्षा मंत्री बसंत कुमार सिंह इनर मणिपुर निर्वाचन क्षेत्र से बीजेपी उम्मीदवार हैं और उनका मुकाबला जेएनयू के प्रोफेसर और कांग्रेस उम्मीदवार बिमल अकोइजाम से है.

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुल नाथ छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र से एक बार फिर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. छिंदवाड़ा से बीजेपी ने विवेक बंटी साहू को उतारा रखा है. इस सीट को कमलनाथ का गढ़ माना जाता है, जिन्होंने 1980 के बाद से नौ बार इस सीट पर जीत हासिल की थी. 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य की 29 में से 28 सीट जीती थीं, लेकिन छिंदवाड़ा पर विजय प्राप्त करने से चूक गई थी.

बीजेपी की गढ़ मानी जानी वाली उत्तरी राजस्थान की चूरू लोकसभा सीट पर दो बार के पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता भाला फेंक खिलाड़ी और भाजपा उम्मीदवार देवेंद्र झाझरिया अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. उनका मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार राहुल कस्वां से है. कस्वां ने टिकट न मिलने मिलने के बाद मार्च में भाजपा छोड़कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया था, जिसके बाद चुनावी मैदान में उतर गए हैं, जिसके चलते मुकाबला काफी रोचक हो गया है.

यूपी की पीलीभीत सीट से योगी सरकार के मंत्री जितिन प्रसाद चुनावी मैदान में उतरे हैं, जिनके खिलाफ सपा से भगवतचरण गंगवार और बसपा अनीस खां मैदान में हैं. बीजेपी ने इस बार पीलीभीत सीट से वरुण गांधी का टिकट काटकर जितिन प्रसाद को उतारा है, जिसके चलते सभी की निगाहें लगी हुई हैं. ऐसे में देखना है कि हाई प्रोफाइल नेताओं में कौन चुनावी जीत दर्ज करता है?

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