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इजरायली सेना गाजा बार्डर के पार !


Israel Hamas Tension:  इजरायली सेना गाजा में एंटर कर चुकी है। हवाई हमलों से पहले ही हमास के हौसले पस्त कर दिए थे अब टैंकों के जरिए भी चढ़ाई की है।  लेबनान, जॉर्डन, ईरान समेत कुछ अरब देश हमास का सपोर्ट कर रहे हैं। माहौल तनाव भरा है तीसरे वर्ल्ड वॉर की आहट भी सुनाई दे रही है।

गाजा पर जमीनी भिड़ंत

18 दिनों से गाजा पट्टी पर इजरायल बमों की बारिश कर रहा है। सरप्राइज हमले से हैरान इजरायल ने ऐलान किया था कि वो हमास का खात्मा करके ही दम लेगा और वो ऐसा करने में लगा है। जनहानि भी हो रही है। इस्लामिक देशों की मजबूरी ये है कि वो लंबे समय तक मूक दर्शक बनकर नहीं रह सकते क्योंकि उनके अपने देश में भी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। अब जबकि इजरायली सेना गाजा में एंटर कर चुकी है तो दुनिया महायुद्ध की बात करने लगी है।

इजरायल की रक्षा प्रणाली को दुनिया सलाम करती है। वो भी जानता है कि हमले कहां-कहां से हो सकते हैं इसलिए जहां से भी जैसे भी हमास आतंकियों को मदद हो सकती है उसे रोकने की पूरी कोशिश कर रहा है। 15 अक्टूबर को ही ईरान समर्थित लेबनानी चरमपंथी ग्रुप हिज्बुल्लाह के बीच भिड़ंत हुई। लेबनान की धरती से रॉकेट फायर किए गए। जिसमें 5 आतंकी मारे गए। इस बीच इजरायल ने ये भी कहा कि वो उत्तरी छोर पर हिज्बुल्लाह से दो दो हाथ करने के मूड में नहीं है। लेबनान में केयरटेकर सरकार है और वहां पर हिज्बुल्लाह का प्रभाव ज्यादा है। इस चरमपंथी समूह की जरूरत से ज्यादा दखलअंदाजी वहां की सरकार के लिए भी खतरे की घंटी बन सकती है।

मिस्र पर भी दबाव

इजरायल के अलावा मिस्र दूसरा देश है जिसकी सीमाएं गाजा से सटी हैं। कई बार इजरायल और फिलिस्तीन के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभा चुका है। दुनिया कह रही है कि मानवीय आधार पर गाजा की मदद करे। जिसके लिए अभी तक मिस्र ने खुलकर बात नहीं कही है। मिस्र आर्थिक तौर पर भी कमजोर है लगातार उसकी करेंसी की कीमत गिर रही है। वहां भी देश के भीतर आवाज उठ रही है। ऐसे में उसके लिए भी अब रूकना मुश्किल हो रहा है।

फिलिस्तीन से जॉर्डन के रिश्ते घनिष्ठ रहे हैं। ऐतिहासिक है और जॉर्डन कई बार इजरायल और फिलिस्तीन के बीच पुल का काम कर चुका है। खास तौर पर वेस्ट बैंक पर सक्रिय रहा है। हमास अटैक के बाद वहां की सरकार ने एक बयान जारी किया था। जिसमें कहा था कि उनकी यूरोपीय यूनियन फॉरेन पॉलिसी चीफ जोसेफ बोर्रेल से बात हुई है जिसमें तनाव करने पर जोर दिया गया।

सीरिया की सोच 

हाल ही में इजरायल ने हमले के अंदेशे को देखते हुए  सीरिया पर भी हमले किए। सीरिया की तरफ से प्रतिक्रिया आई कि इजरायली हमलों की वजह से उसे दमिश्क और अलेप्पो में अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों को बंद करना पड़ा।

57 मुस्लिम देश अगर आए साथ तो…

मिडिल ईस्ट के सभी 57 मुस्लिम देशों में इजरायल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चरम पर है। दुनिया खेमों में बंटती जा रही है। एक जो हमास के आतंक के खिलाफ इजरायल के साथ खड़ा है तो दूसरा वो जो इजरायली अटैक की मजम्मत कर रहा है।  यमन से इजरायल की तरफ एक-दो नहीं बल्कि तीन मिसाइलें दागी गई हैं। अमेरिका का कहना है कि उसने अगर इंटरसेप्ट नहीं किया होता तो सीधा इजरायल निशाने पर होता। ईरान ने भी इजरायल के खिलाफ युद्ध को महायुद्ध में बदलने की धमकी दी है। हिजबुल्लाह के अलावा हौती संगठन भी वॉर जोन में उतारे जा सकते हैं।  

हाल ही में अमेरिका, चीन और रूस में जिस तरह से हालात बने बिगड़े हैं वो महायुद्ध की ओर इशारा कर रहे हैं। हालात बेकाबू इसलिए भी होते जा रहे हैं क्योंकि अगर चीन और रूस ही हमास के समर्थन में आ जाएंगे तो बीच बचाव कौन करेगा? पुतिन लगातार गाजा पर हमले को मानवीय आधार पर गलत करार दे रहे हैं।  रूस के लड़ाकू विमान भी अपनी सबसे  मिसाइलों के साथ काला सागर में मौजूद हैं। तो चीन ने 6 युद्धपोत अरब सागर में बैकअप के लिए पहुंचा दिए हैं। अरब सागर में चीन के छह युद्धपोतों की मौजूदगी तनाव बढ़ाने वाली है।

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