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PM मोदी ने घाना की संसद में कहा- “भारत में लोकतंत्र एक संस्कार है”


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों ऐतिहासिक दौरे पर घाना पहुंचे हैं और इस दौरान उन्होंने घाना की संसद को संबोधित किया। यह दौरा खास इसलिए भी है क्योंकि पिछले 30 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने घाना की यात्रा नहीं की थी। घाना पहुंचने पर राष्ट्रपति जॉन महामा ने प्रधानमंत्री मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर और 21 तोपों की सलामी दी गई।

संसद में प्रधानमंत्री मोदी का ऐतिहासिक संबोधन

पीएम मोदी ने घाना की संसद में अपने भाषण की शुरुआत स्थानीय भाषा में अभिवादन के साथ की, जिस पर सदन तालियों से गूंज उठा। उन्होंने घाना की लोकतांत्रिक भावना की सराहना करते हुए कहा कि यह भूमि लोकतंत्र और समावेशी विकास की मिसाल है।

उन्होंने कहा, “मैं विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए यहां उपस्थित हूं और 140 करोड़ भारतीयों की शुभकामनाएं लेकर आया हूं।” पीएम मोदी ने घाना को उसके समृद्ध सांस्कृतिक मूल्यों के लिए सराहा और वहां मिले सम्मान के लिए आभार भी प्रकट किया।

“भारत में लोकतंत्र सिर्फ एक व्यवस्था नहीं, एक संस्कार है”

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है। भारत में 2,500 से अधिक पंजीकृत राजनीतिक दल हैं और विभिन्न राज्यों में अलग-अलग सरकारें कार्यरत हैं। यह विविधता ही भारत की ताकत है। उन्होंने कहा, “भारत में लोकतंत्र व्यवस्था से ज़्यादा एक परंपरा, एक संस्कार है।”

भारत-घाना के रिश्तों को बताया अटूट

पीएम मोदी ने भारत और घाना के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों का उल्लेख करते हुए कहा कि दोनों देश उपनिवेशवाद के प्रभाव से गुज़रे हैं, लेकिन आत्मा हमेशा स्वतंत्र और निडर रही है। उन्होंने घाना के पहले राष्ट्रपति डॉ क्वामे नक्रूमा को श्रद्धांजलि देते हुए उनके लोकतांत्रिक आदर्शों को याद किया।

आतंकवाद और वैश्विक चुनौतियों पर चिंता जताई

संसद में अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन को वर्तमान युग की सबसे बड़ी चुनौतियां बताया। उन्होंने कहा कि इनसे निपटने के लिए वैश्विक सहयोग और मजबूत नीति-निर्माण की आवश्यकता है।

भारत का विकास और वैश्विक नेतृत्व

प्रधानमंत्री ने बताया कि आज भारत नवाचार, प्रौद्योगिकी और स्टार्टअप के क्षेत्र में अग्रणी है। उन्होंने बताया कि भारत के पास अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है और देश को “दुनिया की फार्मेसी” कहा जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय महिलाएं अब विज्ञान, अंतरिक्ष, विमानन और खेल जैसे क्षेत्रों में आगे बढ़ रही हैं।

बदलती विश्व व्यवस्था पर विचार

पीएम मोदी ने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद बनी वैश्विक व्यवस्था अब पुरानी हो चुकी है और वर्तमान समय में वैश्विक शासन को प्रभावी और भरोसेमंद सुधारों की ज़रूरत है। भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान भी “वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर” के सिद्धांत को प्राथमिकता दी गई।

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