शर्मिष्ठा मुखर्जी का बयान: कांग्रेस की शोक सभा पर सवाल और डॉ. मनमोहन सिंह के सम्मान की मांग
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने हाल ही में कांग्रेस वर्किंग कमिटी (CWC) पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके पिता के निधन के बाद कांग्रेस द्वारा कोई शोक सभा आयोजित नहीं की गई। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के कारण पहले सभा आयोजित नहीं की जा सकी थी, लेकिन बाद में यह गलती सुधारी गई और डेढ़-दो महीने बाद CWC की एक बैठक में उनके पिता के योगदान का जिक्र किया गया। शर्मिष्ठा का यह बयान उनके पिता के प्रति कांग्रेस पार्टी की ओर से मिली श्रद्धांजलि पर सवाल उठाता है।
शर्मिष्ठा ने अपने एक अन्य बयान में कहा कि उनके पिता का अंतिम संस्कार दिल्ली के लोधी रोड क्रेमेशन ग्राउंड पर किया गया था, जहां दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मजिस्ट्रेट बैठा दिया था। इस घटना को शर्मिष्ठा ने “बहुत तंग करने वाला” कदम बताया और इसके लिए अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने इस स्थिति को परिवार के लिए अत्यंत कष्टकारी बताया।
इसके अलावा, शर्मिष्ठा मुखर्जी ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद उठे सियासी विवाद पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि इस समय राजनीति से ऊपर उठकर डॉ. मनमोहन सिंह को सम्मानित किया जाना चाहिए। शर्मिष्ठा ने डॉ. मनमोहन सिंह को न केवल कांग्रेस बल्कि पूरे देश का सम्मानित नेता बताते हुए उनके योगदान को सहेजने की बात की। उन्होंने कहा कि डॉ. सिंह ने भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी और उनकी नीतियों के कारण ही आज देश ट्रिलियन-डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।
शर्मिष्ठा ने मांग की कि डॉ. मनमोहन सिंह के योगदान को सम्मानित करने के लिए उनके नाम पर एक स्मारक और म्यूजियम बनाया जाए, ताकि आने वाली पीढ़ियां उनके योगदान को हमेशा याद रखें। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि एक स्मारक और मूर्ति उनके योगदान को सहेजने के लिए आवश्यक है।
राजनीति से परे सम्मान की आवश्यकता
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने साफ शब्दों में कहा कि ऐसे महान नेताओं के सम्मान में राजनीति नहीं होनी चाहिए। उनका मानना है कि प्रणब मुखर्जी और डॉ. मनमोहन सिंह जैसे नेताओं का सम्मान राजनीति से ऊपर हो और उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाए। उनके लिए यह एक सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
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