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शेख हसीना की विदाई: बांग्लादेश की नई स्थिति का भारत पर संभावित असर


बांग्लादेश में इन दिनों व्यापक असंतोष फैल गया है। प्रधानमंत्री शेख हसीना ने न केवल अपने पद से इस्तीफा दिया है बल्कि अपनी बहन के साथ देश भी छोड़ दिया है।

प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री आवास पर कब्जा कर लिया है, और उनकी जश्न मनाते तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद सेना प्रमुख जनरल वकार ने घोषणा की है कि एक अंतरिम सरकार जल्द गठित की जाएगी, इसके लिए उन्होंने विभिन्न पक्षों से चर्चा की है।

ऊंचे सरकारी पदों में आरक्षण के खिलाफ चल रहे छात्र प्रदर्शन ने बांग्लादेश को एक संवेदनशील मोड़ पर ला खड़ा किया है, जिससे देश के भविष्य पर अंधेरे बादल मंडरा रहे हैं।

भारत पर असर:

भारत और बांग्लादेश के बीच पिछले 53 वर्षों से मजबूत द्विपक्षीय संबंध हैं। पिछले साल नई दिल्ली में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन में बांग्लादेश को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था, जो भारत की विदेश नीति में इसके महत्व को दर्शाता है।

लेकिन, शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद भारत के लिए कई चुनौतियाँ उत्पन्न हो सकती हैं। बांग्लादेश की प्रमुख राजनीतिक ताकतें शेख हसीना की अवामी लीग और खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) हैं। पिछले 15 वर्षों से शेख हसीना की अवामी लीग सरकार में थी और उन्होंने प्रधानमंत्री पद संभाला था।

विदेशी मामलों के विशेषज्ञ कमर आगा के अनुसार, भारत अवामी लीग की लिबरल और सेक्युलर विचारधारा को प्राथमिकता देता है, जबकि BNP ने इस्लामिक कट्टरपंथियों की ओर झुकाव दिखाया है और पाकिस्तान का समर्थन किया है, जिससे चीन को लाभ हुआ है।

पूर्व भारतीय उच्चायुक्त वीणा सिकरी ने बीबीसी हिंदी के संपादक नितिन श्रीवास्तव से बातचीत में कहा कि भारत एक स्थिर पड़ोसी की कामना करता है और बांग्लादेश में लोकतंत्र की रक्षा की कोशिश करेगा।

आगा ने बताया कि BNP, पाकिस्तान और चीन के समर्थक है और शेख हसीना के हटने के बाद, यह पार्टी भारत की जगह पाकिस्तान और चीन की ओर झुक सकती है, जिससे भारत के लिए संतुलन बनाए रखना मुश्किल हो जाएगा।

व्यापार पर प्रभाव:

बांग्लादेश भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। COVID-19 के बावजूद, 2020-21 में दोनों देशों के बीच व्यापार 10.78 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, और 2021-22 में 44% वृद्धि के साथ यह 18.14 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया। 2022-23 में व्यापार 15.93 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा।

दोनों देश ऊर्जा और बिजली क्षेत्र में महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं। बांग्लादेश वर्तमान में भारत से 1160 मेगावाट बिजली का आयात कर रहा है, और भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन उच्च गति डीजल परिवहन के लिए महत्वपूर्ण है।

भारत ने बांग्लादेश को सड़क, रेलवे, और बंदरगाहों के निर्माण के लिए कई करोड़ रुपये का निवेश किया है। आगा का कहना है कि वर्तमान स्थिति का भारत-बांग्लादेश व्यापार पर असर पड़ सकता है, और चीन चटगांव पोर्ट के इस्तेमाल की मांग को बढ़ावा दे सकता है।

सुरक्षा पर असर:

भारत की बांग्लादेश के साथ लगभग 4,000 किलोमीटर की सीमा लगती है। चीन और पाकिस्तान जैसी चुनौतियों को देखते हुए, भारत के लिए ऐसे सरकार की जरूरत है जो दोस्त हो।

कमर आगा का कहना है कि शेख हसीना से पहले की सरकार ने उत्तर-पूर्व भारत में अलगाववादियों को समर्थन दिया था। शेख हसीना की सरकार ने इन अलगाववादी आंदोलनों को कुचलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और प्रमुख नेताओं को भारत को सौंपा है। अगर शेख हसीना सत्ता में नहीं रहती हैं, तो यह भारत के लिए एक चुनौतीपूर्ण स्थिति हो सकती है।

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