मंडाविया पर जूता फेंकने का छह पुराना वीडियो वायरल
गुजरात की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक पुराना वीडियो प्रसारित करने वाले लोगों के खिलाफ चुनाव अधिकारियों से शिकायत की है और कार्रवाई की मांग की है। वीडियो में एक व्यक्ति पोरबंदर सीट से भाजपा के उम्मीदवार मनसुख मंडाविया पर जूता फेंकते हुए दिखाई दे रहा है।
भाजपा ने दर्ज कराई शिकायत
भाजपा की पोरबंदर जिला इकाई ने जिला कलेक्टर और चुनाव अधिकारी के.डी. लखानी को रविवार को शिकायत दी। पार्टी ने शिकायत में कहा कि 2017 में हुई इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर जानबूझकर वायरल किया गया है, ताकि भाजपा और मंडाविया की छवि खराब की जा सके व लोकसभा चुनाव से पहले सियासी लाभ लिया जा सके। वीडियो में देखा जा सकता है कि मंडाविया भावनगर के वल्लभीपुर शहर में एक सभा को संबोधित कर रहे थे, तभी एक आदमी उन पर जूता फेंकता है।
‘छवि खराब करने के लिए प्रसारित किया जा रहा वीडियो’
शिकायत में कहा गया, वीडियो छह साल पुराना है। लेकिन कुछ शरारती तत्वों द्वारा अब इसे प्रसारित किया जा रहा है। जिसमें दावा किया जा रहा है कि चुनाव प्रचार के दौरान छह अप्रैल को मंडाविया पर जूता फेंका गया था। चुनाव से पहले भाजपा और पोरबंदर से उसके उम्मीदवार मंडाविया की छवि खराब करके राजनीतिक लाभ लेने के लिए इस पुराने वीडियो को प्रसारित किया जा रहा है।
वीडियो वायरल करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
इसमें आगे कहा गया है, मंडाविया एक राष्ट्रीय नेता हैं और 22 साल से सार्वजनिक जीवन में हैं। वह बीते आठ वर्षों से केंद्रीय मंत्री के रूप में काम कर रहे हैं। इसलिए उनकी छवि खराब करने की इस कोशिश से उनके समर्थकों और शुभचिंतकों की भावनाएं आहत हुई हैं। हम चाहते हैं कि अधिकारी इस वीडियो को प्रसारित करने में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।
क्या हुआ था पूरा मामला
यह घटना 28 मई 2017 की है। उस समय मंडाविया केंद्रीय परिवहन राज्य मंत्री के रूप में कार्यरत थे। वह भावनगर जिले के वल्लभीपुर शहर में एक छोटे समूह को संबोधित कर रहे थे। उस समय पाटीदार अनामत आंदोलन समति के सदस्य और छात्र भावेश सोनानी (20 वर्षीय) ने मंडाविया पर अपना जूता फेंका था। लेकिन जूता कुछ मीटर दूर जाकर गिर गया। उस समय हार्दिक पटेल के नेतृत्व में पाटीदार आरक्षण आंदोलन अपने चरम पर था। सोनानी को स्थानीय पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 353 (लोक सेवक पर हमला) और 186 (लोक सेवक को बाधित करना) के तहत गिरफ्तार किया गया था।
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