अशोक गहलोत ने 2020 के ‘विद्रोह’ को किया याद
माली समुदाय से आने वाले अशोक गहलोत ने समुदाय द्वारा आयोजित एक सम्मान कार्यक्रम में भी भाग लिया, जिसमें 836 मेधावी छात्रों को सम्मानित किया गया.
जोधपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को अपने विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार करते हुए 2020 में अपनी सरकार को गिराने की कोशिश को याद किया. सीएम ने कहा कि जिन लोगों ने ये कोशिश की, उन्हें नहीं पता था कि वे किसके साथ काम कर रहे थे. उन्होंने कहा कि मैं तीन बार राज्य का मुख्यमंत्री रहा हूं. मैंने तीनों कार्यकाल पूरे किए, जो बड़ी बात है.
गहलोत ने कहा, “मेरी सरकार गिराने की कोशिश की गई, लेकिन वे असफल रहे. उन्होंने सोचा कि वे यहां भी सफल होंगे, लेकिन उन्हें पता नहीं था कि वे किसके साथ ये कर रहे हैं.”
कांग्रेस नेता दूसरे दिन चुनाव प्रचार के दौरान अपने निर्वाचन क्षेत्र सरदारपुरा में बोल रहे थे. उन्होंने निर्वाचन क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में रोड शो और नुक्कड़ बैठकें कीं.
गहलोत के तत्कालीन डिप्टी सचिन पायलट और 18 अन्य कांग्रेस विधायकों ने जुलाई 2020 में उनके खिलाफ विद्रोह कर दिया था. पार्टी आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद महीने भर का संकट खत्म हुआ. इसके बाद पायलट को उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया.
हालांकि तब से गहलोत-पायलट के रिश्ते तनावपूर्ण हो गए हैं, दोनों खुलेआम एक-दूसरे पर निशाना साधते रहते हैं. हालांकि पार्टी 25 नवंबर के विधानसभा चुनावों को लेकर राज्य में एकजुट चेहरा पेश कर रही है.
अशोक गहलोत ने लोगों का आभार व्यक्त किया और आगामी चुनाव के लिए उनका आशीर्वाद मांगा. मंगलवार को उनका प्रचार माली बहुल क्षेत्र मंडोर पर केंद्रित था.
माली समुदाय से आने वाले गहलोत ने समुदाय द्वारा आयोजित एक सम्मान कार्यक्रम में भी भाग लिया, जिसमें 836 मेधावी छात्रों को सम्मानित किया गया.
विभिन्न सभाओं को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा कि टिकट मिलने के तुरंत बाद अपने निर्वाचन क्षेत्र में आना और उनका आभार व्यक्त करना उनका कर्तव्य है.
उन्होंने कहा, “आपने मुझे हमेशा आशीर्वाद दिया है. इसलिए ये मेरा कर्तव्य था कि मैं सबसे पहले आपके पास आऊं. अब, आपकी अनुमति से मैं शेष 199 सीटों की देखभाल के लिए निकलूंगा.”
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