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JKDFP पर पाबंदी के विषय पर निर्णय करने के लिए न्यायाधिकरण गठित


Shabir Ahmad Shah News: जेल में बंद अलगावादी शब्बीर अहमद शाह के नेतृत्व वाली जम्मू एंड कश्मीर डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी (जेकेडीएफपी) को गैर कानूनी संगठन घोषित करने के लिए पर्याप्त आधार हैं या नहीं, इस पर निर्णय करने के लिए केंद्र ने दिल्ली उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश की अध्यक्षता में सोमवार को एक न्यायाधिकरण का गठन किया।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पांच अक्टूबर को जेकेडीएफपी को उसकी ‘भारत विरोधी’ और ‘पाकिस्तान परस्त’ गतिविधियों के लिए गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए), 1967 के तहत पांच साल के लिए प्रतिबंधित समूह घोषित कर दिया था।

गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा, ‘‘केंद्र सरकार ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) न्यायाधिकरण का गठन किया है, जिसमें दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सचिन दत्ता शामिल हैं। यह तय करेगा कि क्या जम्मू एंड कश्मीर डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी (जेकेडीएफपी) को गैरकानूनी संगठन घोषित करने के लिए पर्याप्त आधार हैं, या नहीं।’’

जेकेडीएफपी का गठन 1998 में शाह ने किया था, जो अलगाववादी समूह हुर्रियत कॉन्फ्रेंस का एक घटक था। हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के 2003 में विभाजन के बाद, जेकेडीएफपी उस समय सैयद अली शाह गिलानी के नेतृत्व वाले कट्टरपंथी गुट का हिस्सा बन गया।

शाह, फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। उसे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2005 के धनशोधन मामले में 25 जुलाई, 2017 को गिरफ्तार किया था। शाह के खिलाफ राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने आतंकवाद का वित्तपोषण करने के मामले में भी आरोप पत्र दाखिल किया था।

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