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Elon Musk ने सुरक्षा परिषद में भारत की स्‍थाई सीट की पैरवी क्यों की, क्या है मस्क का मकसद?


टेस्ला कंपनी के मालिक और ट्विटर खरीदकर उसे एक्स बनाने वाले एलन मस्क ने सुरक्षा परिषद में भारत के लिए स्‍थाई सीट की पैरवी करते हुए भारत का समर्थन किया है।

मस्क की के इस बयान के बाद अमेरिका भी भारत के समर्थन में उतर आया है।

बता दें कि टेस्‍ला चीफ एलन मस्‍क ने कुछ महीने पहले UNSC में भारत की स्‍थाई सदस्‍यता की वकालत की थी। उन्‍होंने स्‍पष्‍ट शब्‍दों में कहा था कि भारत का सुरक्षा परिषद का स्‍थाई सदस्‍य न होना बेतुका है। अब अमेरिका ने भी मस्‍क का समर्थन किया है। अमेरिका ने संयुक्‍त राष्‍ट्र में सुधार की मांग का समर्थन किया है। साथ ही कहा कि वॉशिंगटन भी चाहता है कि यूएन में सुधार हो, ताकि वह 21वीं सदी की सही तस्‍वीर पेश कर सके।

क्‍या कहा था एलन मस्‍क ने : इस साल जनवरी में एलन मस्क ने भारत को UNSC में स्थायी सीट न मिलने को ‘बेतुका’ बताया था। उन्होंने कहा था कि जिन देशों के पास जरूरत से ज्यादा ताकत है, वे उसे छोड़ना नहीं चाहते हैं। X पर एक पोस्ट में मस्क ने कहा, ‘कुछ बिंदु पर संयुक्त राष्ट्र निकायों में संशोधन की आवश्यकता है। समस्या यह है कि जिनके पास अतिरिक्त शक्ति है वे इसे छोड़ना नहीं चाहते हैं। भारत के पास सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्‍यता नहीं है, जबकि इंडिया पृथ्वी पर सबसे अधिक आबादी वाला देश है। यह बेतुका है। अफ़्रीका को भी सामूहिक रूप से एक स्थायी सीट मिलनी चाहिए’

भारत कर रहा है मांग : बता दें कि भारत लंबे समय से विकासशील दुनिया के हितों का बेहतर प्रतिनिधित्व करने के लिए सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट की मांग कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) 15 सदस्य देशों से बनी है, जिसमें वीटो शक्ति वाले 5 स्थायी सदस्य और दो साल के कार्यकाल के लिए चुने गए 10 गैर-स्थायी सदस्य शामिल हैं। यूएनएससी के पांच स्थायी सदस्यों में चीन, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं।

क्या कहा वेदांत पटेल ने : UNSC में भारत की स्थायी सीट की कमी के बारे में टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के बयान के बारे में पूछे जाने पर अमेरिकी विदेश विभाग के प्रधान उपप्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा कि राष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपनी टिप्पणी में पहले भी इस बारे में की है और सचिव ने भी इस बारे में बताया है। हम निश्चित रूप से सुरक्षा परिषद सहित संयुक्त राष्ट्र की अन्‍य संस्थाओं में सुधारों का समर्थन करते हैं, ताकि इसे 21वीं सदी की दुनिया, जिसमें हम रह रहे हैं, को प्रतिबिंबित किया जा सके। वे कदम क्या हैं, इसके बारे में बताने के लिए मेरे पास कोई विशेष जानकारी नहीं है। लेकिन, निश्चित रूप से हम इसे स्वीकार करते हैं। सुधार की आवश्यकता है, लेकिन मैं इसे अभी यहीं छोड़ दूंगा’

Elon Musk अगले हफ्ते मोदी से मिलेंगे मस्क : बता दें कि Elon Musk लंबे समय से भारत में अपनी इलेक्ट्रिक कारें लेकर आना चाहते थे, लेकिन जिन पॉलिसी में कड़ी शर्तों की वजह से ऐसा मुमकिन नहीं हो पा रहा था। कई दिनों से अखबारों की सुर्खियां बनी हुई हैं, लेकिन वो भारत में आकर क्या करने वाले हैं, इलेक्ट्रिक व्हीकल के क्षेत्र (EV Sector) में उनका कितना बड़ा निवेश होगा और भारत को लेकर उनकी क्या योजनाएं हैं, इसका खुलासा अभी होना बाकी है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से एलन मस्क के इंडिया प्लान को लेकर जानकारियों का खुलासा किया। रॉयटर्स के मुताबिक एलन मस्क जब अगले हफ्ते भारत आएंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) से मुलाकात करेंगे, तो भारत में फैक्ट्री लगाने के लिए 200-300 करोड़ डॉलर निवेश की योजना का ऐलान कर सकते हैं।

बता दें कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटो मार्केट है और तेजी के साथ इलेक्ट्रिक व्हीकल को अपना रहा है, इसी का फायदा एलन मस्क भी उठाना चाहते हैं। सोमवार को जब मस्क प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे, तो उम्मीद की जा रही है कि उस दौरान वो अपनी योजनाओं के बारे में जानकारी देंगे।

नई EV पॉलिसी से खुला टेस्ला का रास्ता : भारत में कई ऑटो कंपनियां इलेक्ट्रिक कारें, टू-व्हीलर्स बना रही हैं, इलेक्ट्रिक व्हीकल मार्केट भारत में अब भी शुरुआती दौर में है। टाटा मोटर्स, महिंद्रा और ह्युंडई जैसी कंपनियां इलेक्ट्रिक कारों का निर्माण कर रही हैं, लेकिन कुल कारों के मुकाबले इनका मार्केट सिर्फ 2% ही है, ऐसे में भारत में इलेक्ट्रिक कारों के लिए भविष्य में बड़ी संभावनाएं हैं। सरकार ने भी साल 2030 तक लक्ष्य रखा है कि जो भी नई कारें भारत में बनेंगी उसमें से 30% इलेक्ट्रिक होंगी।

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