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बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमले की UN ने की निंदा, 50 से अधिक जिलों में हिंदू समुदाय बना निशाना


बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर बढ़ते हमलों के खिलाफ ढाका में शुक्रवार को हजारों लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर हुए आंदोलनों के दौरान भड़की इस हिंसा में अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें एक शिक्षक भी शामिल हैं, जबकि 45 लोग घायल हो गए हैं।

इन हमलों में करोड़ों की संपत्ति नष्ट हो गई है और कई मंदिरों को भी निशाना बनाया गया। रविवार और सोमवार को हुए इन हिंसक घटनाओं के बाद हालात और बिगड़ गए हैं।

सुरक्षा के लिए गुहार लगा रहे लोग

शेख हसीना के इस्तीफे के बाद भी मंगलवार को हमले जारी रहे। प्रदर्शनकारियों ने अपनी सुरक्षा की मांग करते हुए सड़क पर जाम लगाया और अपने बंगाली होने का दावा करते हुए पोस्टर थामे थे। वे शांति की अपील कर रहे थे, लेकिन हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही।

अवामी लीग के समर्थकों और कार्यालयों पर हमले

बांग्लादेश, जिसकी 17 करोड़ की आबादी में मुसलमानों का बहुमत है, वहां हिंदू समुदाय की संख्या लगभग आठ प्रतिशत (करीब 1.35 करोड़) है। पारंपरिक रूप से, बांग्लादेश के हिंदू समुदाय ने शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग का समर्थन किया है। अब इस हिंसा में अवामी लीग के समर्थक और उनके कार्यालय भी निशाने पर आ गए हैं।

50 से अधिक जिलों में हिंसा

बांग्लादेश हिंदू, बौद्ध, ईसाई एकता परिषद के अनुसार, देश के 64 जिलों में से 52 जिलों में हिंदू समुदाय और उनकी संपत्तियों को निशाना बनाया गया है। परिषद ने कहा है कि इस स्थिति से अल्पसंख्यक समुदाय में भय और अनिश्चितता का माहौल है। उन्होंने सरकार के नए प्रमुख मुहम्मद यूनुस से सुरक्षा और संरक्षण की मांग की है।

भारत सीमा पर पहुंचे हजारों बांग्लादेशी हिंदू

हिंसा से भयभीत हजारों बांग्लादेशी हिंदू भारत में प्रवेश के लिए सीमा पर पहुंच गए हैं, लेकिन उन्हें समझा-बुझाकर वापस लौटने के लिए कहा जा रहा है।

पीएम मोदी ने की अपील

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर बांग्लादेश में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की अपील की है। वहीं, बांग्लादेश के नए नेता मुहम्मद यूनुस ने शपथ लेने के बाद देश में लोकतंत्र, न्याय, मानवाधिकारों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बनाए रखने का वादा किया है।

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